बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

पुलों के रखरखाव के लिए बनेगा अलग डिविजन, लगातार पुलों की चोरी और गिरने की घटना के बाद सरकार ने लिया फैसला

पुलों के रखरखाव के लिए बनेगा अलग डिविजन, लगातार पुलों की चोरी और गिरने की घटना के बाद सरकार ने लिया फैसला

PATNA : बिहार में लगातार पुल-पुलियों की चोरी और देख रेख के अभाव में उनके टूटने और गिरने की घटनाओं को लेकर राज्य सरकार के काम पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में अब राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि पुलों के रखरखाव के लिए एक अलग डिविजन तैयार किया जाएगा। ऐसा करने वाला बिहार देश का पहला राज्य होगा।

सीएम नीतीश ने बताई थी जरुरत

बीते वर्ष बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के स्थापना दिवस समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सड़कों के साथ ही पुल-पुलियों की भी नियमित जांच की बात कही थी। सीएम ने कहा था कि रेलवे की तरह पुलों के लिए भी अलग से विंग बनाया जाए। सड़क टूट जाने पर आने-जाने में परेशानी हो सकती है, लेकिन, अगर पुल-पुलिया टूट जाए तो काफी नुकसान हो सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि पुलों का बेहतर रखरखाव हो। पुल बनाने के बाद उसे छोड़ नहीं दिया जाए बल्कि उसकी नियमित जांच हो।

बनाई गई नई नीति

मुख्यमंत्री की बातों के बाद राज्य के पुल-पुलियों के बेहतर रखरखाव की नीति बनकर तैयार हो गई है। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम की ओर से तैयार की गई इस नीति को जल्द राज्य कैबिनेट में ले जाया जाएगा। ब्रिज मेंटेनेंस पॉलिसी के आधार पर बिहार के पुलों का हेल्थ कार्ड तैयार होगा। बड़े, मध्यम व छोटे श्रेणी में अलग-अलग बांटकर पुलों का रखरखाव किया जाएगा ताकि कोई भी पुल समय से पहले क्षतिग्रस्त न हो। 

बनेगा अलग डिविजन

अब पुलों के रखरखाव के लिए नीति का निर्माण लगभग पूरा कर लिया गया है। इसी नीति में पुलों के रखरखाव के लिए विशेष प्रभाग (डिविजन) बनाया जाएगा। मुख्य अभियंता इस डिविजन के हेड होंगे। इनके साथ ही अधीक्षण अभियंता, कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता और कनीय अभियंताओं की टीम होगी। टीम के इंजीनियर नियमित तौर पर पुल-पुलियों की जांच करेंगे। जांच केवल कागजों पर ही नहीं, बल्कि वीडियो व तस्वीर के साथ होगी। जहां भी इन्हें गड़बड़ी मिलेगी, वे इसकी तत्काल जानकारी विभाग को देंगे। अगर रखरखाव में कोताही बरती गई तो उसे चिह्नित कर विभाग सख्त कार्रवाई भी करेगा। हर पुल का हेल्थ कार्ड होगा। इसमें पुल का पूरा इतिहास होगा। इसी के आधार पर पुलों का रखरखाव होगा। पुलों के स्वास्थ्य के आधार पर ही ट्रैफिक को नियंत्रित किया जाएगा।

17 साल में 21 मेगा पुल सहित 6210 पुल का निर्माण

बिहार में नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद सभी जिलों में पुलों का जाल बिछाया गया है। यहां 17 साल में 6210 पुलों का निर्माण किया गया है। इसमें 21 मेगा पुल हैं। जबकि 1171 पुल 60 मीटर लंबे हैं। वहीं 5018 पुल 60 मीटर से कम लंबाई के हैं।

वहीं मुख्यमंत्री सेतु निर्माण योजना के तहत 5143 पुल-पुलियों का निर्माण किया गया। वहीं निर्माणाधीन पुलों में अभी सुल्तानगंज-अगुवानी घाट, कच्ची दरगाह-बिदुपुर, बख्तियारपुर-ताजपुर पुल शामिल हैं। इसके अलावा सत्तरघाट पुल में 100 मीटर लंबाई में वाटर-वे, कोसी नदी पर मानसी-सहरसा के बीच पुल का निर्माण होना है। जबकि, सोन नदी पर पांडुका में 205 करोड़ की लागत से पुल बनने हैं।


Suggested News