NEWS4NATION DESK : शादी में दूल्हे की मांग भरी जाए। इस बात को सुनकर आपको सहसा विश्वास नहीं होगा, लेकिन यह सच है। देश में एक छतीसगढ़ वह राज्य है जहां के जशपुर जिले में निभाई जाती हैं ये अनूठी रस्म। अपनी इस रश्म के कारण ये शादी आम होते हुए भी खास हो जाती है। वैसे यहां की शादी में सब कुछ सामान्य शादी जैसा ही होता है।
शादी में भी मंडप सजता है, दूल्हा-दुल्हन वैसे ही सजधज कर विवाह के मंडप में बैठते हैं। यहां भी बारातियों और घरातियों की भारी भीड़ जुटती है, लेकिन सात जन्मों के सूत्र में बंधने से पहले यहां एक रवायत है, जो इस जनजाति की शादी को दूसरी शादी से सबसे अलग बनाती है। यहां शादी में दुल्हन के साथ-साथ दूल्हे की मांग में भी सिंदूर लगाया जाता है।
इस गांव के एक पुरोहित ने बताया कि शादी से पहले वर-वधु पक्ष साथ में बाजार जाते हैं और एक साथ सिंदूर खरीदते हैं। अगले दिन शादी के वक्त दूल्हा-दुल्हन उसी सिंदूर से एक-दूसरे की मांग भरते हैं। यहां के लोगों की मान्यता है कि इस तरह के सिंदूर दान से वैवाहिक रिश्तों में बराबरी का अहसास होता है।
दूल्हा-दुल्हन के रिश्तों की मजबूती वाली ये अनूठी
रस्म चादर के घेरे में निभाई जाती है। जिसे हर कोई नहीं देख पाता है। इस रस्म के
समय केवल दूल्हा-दुल्हन, उनके
परिवार, पुरोहित
और गांव के बड़े बुजुर्ग ही मौजूद रहते हैं। इस तरह रस्म के पूरा होते ही
दूल्हा-दुल्हन सात जन्मों के बंधन में बंध जाते हैं।