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सूर्यग्रहण का सबसे ज्यादा असर आंखों पर पड़ता है - डॉ.सुनील

सूर्यग्रहण का सबसे ज्यादा असर आंखों पर पड़ता है - डॉ.सुनील

PATNA : नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील कुमार सिंह का कहना है कि 21 जून का सूर्य ग्रहण शक्तिशाली ग्रहण है. इसलिए इस खुली आंखों से नहीं देखना चाहिए. सूर्य ग्रहण चाहे कैसा भी हो आंशिक या पूर्ण उसे खुली या नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए. 

ऐसा करने से आंखों को नुकसान पहुंच सकता है. उन्होंने कहा कि डायरेक्ट सूरज को देखने से आंखों में मौजूद लेंस सूरज की रोशनी को रेटिना पर फोकस करता है. ये रोशनी इतनी ताकतवर होती है की रेटिना को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है. सूर्यग्रहण का सबसे ज्यादा असर आंखों पर पड़ता है. ग्रहण के समय पर खुली आंखों या फिर मोबाइल कैमरा से लेकर किसी भी प्रकार के कैमरा और टेलीस्कोप से इसे नहीं देखना चाहिए. 

इसे सीधे तौर पर देखने से आंखों की रोशनी हमेशा के लिए जा सकती है. उन्होंने कहा कि सूर्यग्रहण के दिन सूर्य को खुली आंखों से न देखें. इसके आलावा सूर्यग्रहण को एक्स.रे फिल्म या साधारण चश्मे से भी न देखें. पेंट किये शीशे से भी ग्रहण को देखना सुरक्षित नहीं है. सूरज की तेज धूप और उसमें से निकलने वाली अल्ट्रा वॉयलेट किरणों से आंखों का बचाव भी बेहद जरूरी है. 

सूरज की अल्ट्रा वॉयलेट किरणें हमारी आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं. सूर्यग्रहण के वक्त बच्चों को घर से बाहर न जाने दे बडें लोगों को जरूरत हो तब ही घर से बाहर निकले. मैक्युला आंख का लिए बुहत संवेदनशील अंग है. सूर्यग्रहण देखने से मैक्युलर बर्न हो सकता है. आंखों कि रोशनी प्रभावित हो सकता है.

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