सुपौल। चार दिन पहले अपने ससुराल वालों की दहेज की मांग को लेकर परेशान आएशा नाम की युवती ने अहमदाबाद में साबरमती नदी में कूदकर अपनी जान दे दी थी। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था। वहीं दहेज को लेकर एक काला चेहरा भी सामने आया था। अब आयशा की मौत के बाद मुस्लिम समाज की महिलाओं द्वारा दहेज के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की जा रही है। इन महिलाओं ने केंद्र सरकार से मांग की है जिस प्रकार से तीन तलाक पर प्रतिबंध लगाकर समाज की महिलाओं को सुरक्षा प्रदान किया गया, उसी तरह दहेज लोभियों पर कार्रवाई के लिए कमेटी गठित करने की मांग की है।
महिला उत्पीड़न के मामले को लेकर सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए युवा समाजसेवी शबाना खातुन ने मुस्लिम कानुन व्यवस्था पर जमकर बरसे समाज सेवी शबाना खातुन ने कहा कि प्रदेश में पिछले 2 सालों में लगातार महिला उत्पीड़न के मामले बढ़े हैं। लेकिन मुस्लिम समाज के ठिकेदार अंकुश लगाने के सिवाय बढ़ावा देते हैं, आज दहेज प्रथा महिला अपराध का बहुत बड़ा कारण बनता जा रहा है इससे महिलाओं की प्रताड़ना से लेकर दहेज हत्या के जघन्य अपराध हो रहे हैं चाहे किसी भी धर्म के है, आज हमारे समाज में गरीब परिवार के बहन बेटी बिना दहेज के शादी नही हो रहा है।
आयशा ने समाज की सच्चाई दिखाकर पेश की मिसाल
समाजसेवी ने कहा कि पिछले दिनों अहमदाबाद में एक बहन आयशा ने ससुराल वालों से प्रताड़ित के कारण नदी में कूद कर सुसाइड कर लिया है, उन्होंने अपने वीडियो में समाज की असली सच्चाई दिखाकर एक मिसाल कायम किया है, ताकि भविष्य में किसी आयशा को ऐसा कदम उठाने की आवश्यकता नहीं हो। इस दौरान उन्होंने धर्म के ठेकेदारों पर सवाल खड़े करते हुए कहा जब तीन तलाक़ कानुन की बात आई तब मुस्लिम धर्म के ठेकेदार विरोध कर थे आज जब हमारे बहन बेटी की शादी के लिए मोटी मोटी दहेज मांगी जा रही है, दहेज के कारण बेटियों की हत्या कर दी जा रही है, तब चुप बैठे हैं। समाज उन्हे पुरी तरह से संरक्षण देकर उन पर किसी तरह की कार्यवाही नही होने देते हैं। हमारे माॅ,बहनो, बेटीयों को प्रताड़ित कर न्याय के लिए भटकना पड़ रहा है, कही ऐसा न हो कि माॅ, बहनों बेटी पैदा होने पर बेटियों की गला दबा दे ,ता कि बेटी को दहेज देने के लिए उनके पास पैसा नहीं है। हमारी मांग है कि दहेज लोभियों के उपर ठोस कार्यवाही करे व शादी में भी एक कमिटी कठित की जाए, ताकि ऐसे मामलों पर रोक लग सके