बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

आदर्श ब्राह्मण समाज ने जीतनराम मांझी का किया पुतला दहन, कहा मीडिया के सामने मांगे माफ़ी

आदर्श ब्राह्मण समाज ने जीतनराम मांझी का किया पुतला दहन, कहा मीडिया के सामने मांगे माफ़ी

VAISHALI : जिले के देसरी प्रखंड के भटौली चौक पर आदर्श ब्राह्मण समाज के कार्यकर्ताओं ने जीतनराम मांझी के द्वारा ब्राह्मणों को गाली देने के बयान पर विरोध जताते हुए जमकर आक्रोश व्यक्त किया। सभी कार्यकर्ता भटौली चौक पर मांझी के पुतले के साथ पहुंचे और मांझी के पुतले को जम कर चप्पल से पीटा। इसके बाद मांझी के विवादित बयानों पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त किया। मांझी के पुतला दहन के बाद कार्यक्रम का समापन हुआ। लेकिन ब्राह्मण समाज के कार्यकर्ताओं ने यह भी कहा कि इसके बाद भी आगे वैशाली जिला के साथ-साथ बिहार की राजधानी पटना और देश की राजधानी दिल्ली तक आदर्श ब्राह्मण समाज आंदोलन चलाएगा। जब तक बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ब्राह्मण समाज से खुले मंच पर मीडिया के सामने माफी नहीं मांगते। तब तक हम लोगों का विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। सुधीर मिश्र, संत तिवारी, रमेश झा, रामनाथ चतुर्वेदी, बालेश्वर तिवारी के साथ-साथ आदर्श ब्राह्मण समाज के सैंकङो ब्राह्मणों ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ऐसी बयान को देखकर समाज में नफरत फैलाने का काम किए हैं। 

उन्होंने कहा कि जीतनराम माँझी ब्राह्मण समाज को एक जाति के रूप में देखते हैं। लेकिन ब्राह्मण जाति नहीं इन्स्टिटूशन है। देश के कई प्रमुख आंदोलनों का नेतृत्व ब्राह्मणों के द्वारा किया गया है। जीतनराम मांझी कुछ पता नहीं है तो इतिहास उठाकर देखिए। भगवान बुद्ध के प्रथम अनुयायी ब्राह्मण थे। भगवान महावीर के आचार्य और गणधर ब्राह्मण हीं थे। मगध की जिस भूमि से हमसब आते हैं। वहाँ के मौर्य वंश के प्रथम राजा सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के आचार्य भी ब्राह्मण हीं थे। 

उन्होंने कहा कि देश में अधिकतर सुधारवादी आंदोलन के जनक ब्राह्मण हीं रहे हैं। रमानंदाचार्य, बसवेश्वर, राजा राममोहन राय, महर्षि दयानंद सरस्वती, गोविंद महादेव रानाडे ने भी ब्राह्मण होते हुए ब्राह्मणों के ख़िलाफ़ आंदोलन चलाए थे। इतना हीं नहीं देश में सेकूलर मूवमेंट के भी नेतृत्वकर्ता गोपालकृष्ण गोखले, गोविंद बल्लभ पंत, कम्युनिस्ट आंदोलन की अगुवाई करने वाले बी.एल.जोशी और नामुदारीपाद भी ब्राह्मण समाज से हीं थे। ब्राह्मणों को केवल पुराणपंथी समझना या समाज में उत्पन्न सभी समस्याओं का जड़ कहना यह अज्ञानता की बड़ी निशानी है। इस प्रकार की ओछि टिप्पणी और निम्नस्तरीय चर्चा पूर्व मुख्यमंत्री का बौधिक दिवालियापन दर्शाता है। देश के हर समाज में पूजनीय और वंदनीय महापुरुष हुए हैं। उन सब की अच्छाई ग्रहण कर ही हम सब श्रेष्ठ एवं गौरवशाली समाज की रचना कर सकते हैं।

वैशाली से विकास महापात्रा की रिपोर्ट 

Suggested News