Navada: नवादा जिला परिषद् अध्यक्ष पुपा देवी और उपाध्यक्ष गीता देवी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो गया और दोनों की कुर्सी बच गई। डीआरडीए सभागार में डीएम कौशल कुमार की अध्यक्षता में आयोजित विशेष बैठक में सत्ता पक्ष के सदस्य उपस्थित नहीं हुए। विपक्षी खेमे से 13 सदस्यों ने बैठक में भाग लिया। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बाद वोटिंग कराई गई। जिसमें सभी उपस्थित 13 सदस्यों ने भाग लिया।
वोटों की गिनती में एक मत अमान्य घोषित किया गया, जबकि अन्य 12 वैद्य मत अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मिले। डीएम ने बताया कि वोटिंग में अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मात्र 12 मत ही मिले हैं, इसलिए यह प्रस्ताव खारिज किया गया है। नवादा में जिला परिषद के कुल 25 सदस्य हैं, इसलिए 13 मत मिलने पर ही अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार होता। बहरहाल, पिछले कई दिनों से अध्यक्ष-उपाध्यक्ष की कुर्सी को लेकर संशय की स्थिति खत्म हो गई है। बैठक में अनुपस्थित रहने के बावजूद सत्ता पक्ष ने परचम लहराते हुए विपक्षी खेमे को जबर्दस्त झटका दिया है। गौरतलब है कि 8 सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर आवेदन दिया था। इधर, अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के बाद विपक्षी खेमे में मायूसी साफ झलक रही थी। इसके साथ ही कई दिग्गज नेताओं को हार का सामना करना पड़ा.
प्रेस वार्ता में जिला परिषद अध्यक्ष पुष्पा देवी ने कहा कि नवादा के दो दिग्गज नेता आरजेडी और राजद के हैं जिन्हें आज करारी हार मिली है वह एक दलित बेटी को दबाने का काम कर रहे थे। राजनीति में जदयू और राजद से जुडे कई सदस्य विपक्षी एकता को मजबूत करने में जुटे थे, लेकिन मतदान में एक सदस्य से धोखा मिला। लेकिन इधर सबसे बड़ी बात तो यह है कि एक तरफ अध्यक्ष ने आरजेडी पर हमला बोला वहीं दूसरी तरफ आरजेडी के ही सदस्य जिला परिषद अजीत यादव जी प्रेस वार्ता में मौजूद थे।