पटना. पटना हाईकोर्ट के एडवोकेट्स एसोसिएशन द्वारा पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल को आज शाम में पटना के होटल मौर्या में सम्मानित किया गया. कोरोना के संक्रमण काल में उनके द्वारा वकिलों के हित में लिए गए निर्णयों का स्वागत किया गया.
इस मौके पर चीफ जस्टिस की पत्नी भी उपस्थित थीं. समारोह को संबोधित करते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि कोरोना ने मुझे बार के लोगों के साथ मिलने का एक बड़ा मौका दिया. विपरीत परिस्थितियों में भी हमलोगों ने अवसर मानते हुए काम किया.
राज्य के सभी अदालतों ने कोविड में अच्छा काम किया. हम सभी संस्थान की भलाई के लिए काम करते हुए. हमलोगों को हर परिस्थितियों में काम करना है. आम तौर से लोग कहते हैं कि कचहरी में देख लूंगा. ये कचहरी में लोगों की आस्था को बताता है.
चीफ जस्टिस ने लोगों की समस्याओं को दूर करने को लेकर आश्वास्त किया. उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र के लिये न्यायपालिका की स्वतंत्रता सर्वश्रेष्ठ है. इस मौके पर एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने कहा कि शायद पटना हाई कोर्ट के ये पहले एक चीफ जस्टिस होंगे, जिन्होंने वकील संगठनों और उनके पदाधिकारियों के साथ एक मधुर संबंध बनाकर समन्वय के साथ काम करने का कार्य किया.
राज्य में नेशनल हाईवे के निर्माण के मामले में भी उनके द्वारा लिए गए निर्णयों को भी नहीं भुलाया जा सकता है. उन्होंने जनहित के मामलों को भलीभांति निपटारा करने का काम किया. आगे वर्मा ने कहा कि वे एक धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं और वे बिहार के 38 जिलों में भ्रमण कर प्रसिद्ध मठ मंदिरों औऱ स्मारकों का दर्शन करने का काम किया.
बार बेंच संबंध भी यहाँ देश में सबसे अच्छा है. इस मौके पर वर्मा ने वकिलों, खासतौर से महिला वकिलों व मुवक्किलों के लिए राज्य भर की अदालतों में बुनियादी सुविधाएं सुदृढ़ करवाने का आग्रह किया. चीफ जस्टिस के कार्यकाल में पटना हाईकोर्ट में जजों के स्वीकृत 53 पदों को भरने की कार्रवाई में तेजी आई.
हाईकोर्ट से लेकर निचली अदालतों में नई और आधुनिक तकनीक को बढ़ावा देने का काम किया गया. अंतिम व्यक्ति को न्याय दिलाने को लेकर सचेत रहते हैं. वर्मा ने चीफ जस्टिस की प्रसाशनिक क्षमता को देखते हुए, उन्हें अपनी टीम का गावस्कर बताया.