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100 दिन बाद मुखिया पुत्र के हत्या की गुत्थी सुलझी, सगे भाई ने ही दिया था घटना को अंजाम, हैरान करने वाली है हत्या की वजह

100 दिन बाद मुखिया पुत्र के हत्या की गुत्थी सुलझी, सगे भाई ने ही दिया था घटना को अंजाम, हैरान करने वाली है हत्या की वजह

KATIHAR : कानून के घर में देर है पर अंधेर नहीं है और 'तफ्तीश' की दिशा अगर सही हो तो देर से भी सही मुजरिम  गुनाह के बाद छुप नहीं सकता> कटिहार में लगभग 100 दिन बाद मुखिया पुत्र के हत्या के आरोपी बेनकाब हो गये, कटिहार पुलिस की 'तफ्तीश' ने रौतारा थाना क्षेत्र के चूरबीघाट मढ़ैया रमना चौक में 27 अप्रैल को मुखिया पुत्र सलीम हत्याकांड के मामले को सुलझाते हुए हत्या के आरोप में उसके सगे भाई मोहम्द फिरोज़ उर्फ आमीर और चचेरे भाई मोहम्द महबूब को गिरफ्तार कर लिया है, पुलिस ने जिस धारदार हथियार से हत्या की इस वारदात को अंजाम दिया गया था वह भी बरामद कर लिया है

 घटना की तारीख 27 अप्रैल देर रात से 28 अप्रैल सुबह के बीच, घटनास्थल रौतारा थाना क्षेत्र के चूरबी घाट   मढैया रमना चौक के पास बंद कटरा नुमा दुकान में मुखिया हारून रशीद के पुत्र सलीम का शव मिलता है, इस शव मिलने के साथ ही उस इलाके के साथ-साथ पूरे कटिहार में सनसनी मच जाता है, हत्या बड़ा ही बेरहमी से धारदार हथियार से कई बार वार करके किया गया था, इसलिए लोगों में भी यह चर्चा का विषय बन हुआ था कि आखिर किसने और क्यों इस तरह से इतना बेरहमी से इस हत्याकांड को अंजाम दिया है, पुलिस कुछ प्रारंभिक लीड्स के आधार पर तफ्तीश तो शुरू किया लेकिन बार-बार परिवार के लोग यह दबा करने लगे कि राजनीतिक दुश्मनी के कारण कुछ लोगों ने सलीम के हत्या को अंजाम दिया है।

 लेकिन पुलिस के लिए कई तत्व चौंकाने वाले थे, मसलन घटना को जिस वक्त बेरहमी से अंजाम दिया गया था, उस वक्त उसी कटरा के ऊपर में सलीम का सहोदर भाई फिरोज उर्फ आमिर सोया हुआ था लेकिन इस बेरहमी से हत्या को अंजाम दिये जाने की धनक तक उसे नहीं लगी, पुलिस के लिए दूसरा चौंकाने वाला तथ्य घटना के कुछ ही दिन बाद मृतक सलीम के करीबी माने जाने वाले उसके मित्रवत चचेरे भाई महबूब भी लापता हो गया, परिजनों ने फिर से आरोप लगाया कि उनके बेटा के हत्यारा ही उनके भतीजा को गायब कर दिया।

चचेरे भाई ने हटाया कहानी का रहस्य

 मामला पुलिस के सामने और उलझता गया पर पुलिस ने भी हार नहीं मानी और अपना तफ्तीश जारी रखी, अचानक पुलिस ने अपने सोर्सेस के माध्यम से खुद से फरार हुए चचेरे भाई महबूब तक जा पहुंचा और महबूब पर दबाव डालते ही जो राज खुला उससे पुलिस की भी होश उड़ गया, महबूब ने खुद कबूल लिया इस हत्याकांड में उसकी क्या भूमिका है और उसके साथ और कौन इस हत्याकांड को अंजाम देने में और कौन शामिल है, पुलिस को जब पता चला सलीम की हत्या को अंजाम देने में उसके सहोदर भाई फिरोज और आमिर मौजूद था तो अब तक पुलिस इस हत्याकांड में जिस पर शक कर रहा था धीरे-धीरे तस्वीर साफ होने लगी।

जलन और अपनी सुरक्षा ने किया हत्या के लिए मजबूर

 फिलहाल जो बातें छनकर सामने आई है उसमें मुखिया का चार बेटा है जिसमें सलीम की हत्या हो गई है। सलीम की हत्या को उसके सहोदर भाई फिरोज उर्फ आमिर ने अपने चचेरे भाई महबूब के साथ मिलकर अंजाम दिया है।  इस हत्याकांड में सीधे तौर पर भले ही मृतक सलीम के एक और भाई सलमान की जुराव नहीं आया है। लेकिन अब भी उसकी भूमिका की जांच पुलिस के रडार में है क्योंकि दोनों के कबूलनामे में जो बातें सामने आई है उसमें मुखिया के छोटा बेटा जिसकी हत्या हुई है। सलीम ही पंचायत से जुड़े सभी काम देखरेख करता था।

 इस दौरान आर्थिक लेनदेन के साथ-साथ वह कुछ अनैतिक कार्य में भी जुड़ जाता है जिस कारण से उनके दूसरे भाई फिरोज उर्फ आमिर और सलमान की नाराजगी था इस बीच चचेरे भाई महबूब ने हीं इन दोनों को यह भी बताया था कि मृतक सलीम अपने भाई फिरोज और सलमान की हत्या करना चाहता है जिस कारण से पहले से ही तनाव था महबूब यहां तक बता चुका था कि मृतक सलीम अपने भाइयों को प्लानिंग के तहत लूट के दौरान गोली चलवा कर हत्या करवाने की फुल प्रूफ प्लानिंग बना चुका है। 

दोनों बना चुके थे एक दूसरे की हत्या की योजना

इन सबके बीच आक्रोशित फिरोज उर्फ आमिर जिसे मृतक सलीम अक्सर प्रताड़ित करता था। उसने सलीम की ही हत्या का प्लानिंग बना लिया और इसमें चचेरे भाई महबूब जो सलीम के बेहद गरीबी था उसी ने साथ दिया फूल प्रूफ प्लानिंग के तहत फिरोज उर्फ आमिर कटरा के ऊपर में सोया हुआ था जैसे ही सलीम मोबाइल से बात करते करते कटरा के अंदर सो गया पर प्लानिंग के तहत फिरोजपुर आमिर ने कटरा के शटर को नीचे से उठाकर जगह बना दिया जिसमें से महबूब कटरा के अंदर घुस गया और फिर दोनों ने धारदार हथियार से वाडकर सलीम को मौत के घाट उतार दिया जबकि सत्या के साजिश में शामिल सलमान की भूमिका की भी जांच पुलिस अब कर रही है, दोनों आरोपी ने इस हत्या में अपनी भूमिका को कबूल लिया है।

पुलिस के लिए बड़ी चुनौती थी

 कटिहार एसपी जितेंद्र कुमार ने इस हत्याकांड को भूल जाते हुए कहा कि पुलिस के लिए इस हत्याकांड को सुलझाना बेहद चुनौतीपूर्ण था क्योंकि लगातार इस हाईप्रोफाइल हत्या के बाद परिवार के लोगों के द्वारा पुलिस को गुमराह किया जा रहा था कई बार तो पुलिस हत्यारा तक पहुंच कर भी साक्ष्य नहीं होने के कारण उनके गिरेबान तक नहीं पहुंच पाया था लेकिन आखिरकार सही तफ्तीश ने इस मामले का खुलासा कर दिया है, कटिहार एसपी ने सदर डीएसपी ओमप्रकाश सहित इस हत्याकांड को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सभी पुलिसकर्मियों को पुरस्कृत करने की बात कह रहे है।

कटिहार के अपने सहोदर भाई और चचेरे भाई ने मिलकर जिस तरह से सलीम की हत्या किया है और उसकी वजह हत्यारे भाइयों के द्वारा जो बताया जा रहा है यह इतिहास के उस दौर याद को ताजा कर देता है लेकिन इस खून के रिश्ते की खूनी साजिश को कटिहार पुलिस ने अपनी सही तफ्तीश से जिस तरह से बेनकाब किया है उसकी तो तारीफ होनी ही चाहिए।

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