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बटवारे के बाद देश तो अलग हो गया, लेकिन फिर भी पाकिस्तान में चल रहा था भारतीय नोट

बटवारे के बाद देश तो अलग हो गया, लेकिन फिर भी पाकिस्तान में चल रहा था भारतीय नोट

News4nation desk: भारत और पाकिस्तान के बीच जम्मू और कश्मीर राज्य पर अधिकार के लिये बंटवारे के समय से ही विवाद चल रहा है। भारत और पाकिस्तान को आजाद हुए अब 71 साल होने जा रहा है. एक ऐसा समय था जब दोनों देश एक हुआ करता था, पर अब दोनों देशों में आसमान और जमीन का अंतर हो गया है. 15 अगस्‍त 1947 को भारत ब्रिटिश हुकूमत से आजाद तो हो गया था लेकिन द्विराष्‍ट्र के सिद्धांत पर। अंग्रेजों ने भारत को आजादी इसी शर्त पर दी थी कि जब भारत दो टुकड़ों में होगा यानी हिन्दुस्तान और पाकिस्तान के रूप में बटवारा होगा। उस समय भारत और पाकिस्तान अलग-अलग तो हो गएं पर बटवारे के बाद कई ऐसी भारतीय चीजें थी जो पाकिस्तान में इस्तेमाल हुआ करता था. उसमे सबसे बड़ी पाकिस्तान का रुपया है. 

यदि आप नहीं जानते हैं तो बता दें कि 15 अगस्त 1947 को आजादी मिलने के बाद पाकिस्तान में मार्च 1948 तक केवल भारतीय नोट चलते थे. पर 1 अप्रैल 1948 से पाकिस्तान में भारत के सभी तरह के नोटों को बंद कर दिया। इसके बाद 1 अप्रैल 1948 से पाकिस्तान सरकार के लिए भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने नोट छापना शुरू किया और इन नोटों का प्रयोग केवल पाकिस्तान में ही हो सकता था। पकिस्तान के यह नोट नासिक स्थित सिक्युरिटी प्रेस में छपते थे और आरबीआई के गवर्नर के ही साइन होते थें. उन नोटों पर अंग्रेजी और उर्दू में गवर्नमेंट ऑफ पाकिस्तान और हुकूमत-ए-पाकिस्तान लिखा होता था। 

इतना ही नहीं 1953 तक पाकिस्तान में भारत से ही करेंसी नोट छपकर जाते थे. उस वक़्त आरबीआई 1,5,10 और 100 रुपये के पाकिस्तानी नोट छापता था।उसके बाद से पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) ने देश में खुद नोट छापना शुरू किया था। पाकिस्तान की सरकार 1953 से लेकर के 1980 तक एक रुपये का नोट खुद ही जारी करता रहा। 

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