DESK. राजनीति में कब कौन किसके साथ चला जाए यह कहना मुश्किल है. महाराष्ट्र में फिर से ऐसा ही देखने को मिला है. जहां पिछले सप्ताह तक शिवसेना और भाजपा में ठनी हुई थी वहीं अब शिवसेना ने राज्य में सरकार गंवाने के बाद नाटकीय अंदाज में बड़ी पहल की है. कहा जा रहा है कि राष्ट्रपति चुनाव में शिवसेना ने भाजपा उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन की योजना बनाई है.
दरअसल, राष्ट्रपति चुनाव को लेकर पिछले दिनों उद्धव ठाकरे ने सांसदों की एक बड़ी बैठक बुलाई थी जिसमें राष्ट्रपति चुनाव को लेकर फैसला लिया जाना था. ज्यादातर सांसदों ने उद्धव ठाकरे से एमडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने को कहा। सूत्र ने दावा किया है कि उद्धव ठाकरे ने भी लगभग द्रौपदी मुर्मू के समर्थन देने का मन बना लिया है. हालांकि इसकी अधिकारिक घोषणा शेष है.
इन सब के बीच शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता संजय रावत कवि बयान सामने आ गया है. संजय राउत ने कहा कि हमने अपनी बैठक में द्रौपदी मुर्मू (NDA की राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार) पर चर्चा की. द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का मतलब भाजपा का समर्थन करना नहीं है. शिवसेना की भूमिका एक-दो दिन में साफ हो जाएगी. उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष जिंदा रहना चाहिए. राउत ने कहा कि हमारे पास विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के प्रति भी सद्भावना है. पहले हमने प्रतिभा पाटिल का समर्थन किया था जो NDA उम्मीदवार नहीं थी. हमने प्रणब मुखर्जी का भी समर्थन किया था वे भी NDA उम्मीदवार नहीं थे जबकि उस समय शिवसेना एनडीए में शामिल थी. शिवसेना दबाव में फैसले नहीं लेती. इस बार भी हम उसी तरह का निर्णय लेंगे.
शिवसेना नेता गजानन कीर्तिकर के अनुसार सोमवार को शिवसेना के 18 लोकसभा सदस्यों में से 13 ने राष्ट्रपति चुनाव से जुडी बैठक में भाग लिया और उनमें से अधिकतर ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का सुझाव दिया. अब शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे इस पर निर्णय लेंगे.