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MGCU जमीन घोटाले में खुलासे के बाद सरकारी सेवकों पर कसा फंदा,शक के घेरे में बड़े अधिकारी

MGCU जमीन घोटाले में खुलासे के बाद सरकारी सेवकों पर कसा फंदा,शक के घेरे में बड़े अधिकारी

PATNA :  सृजन घोटाले के बाद अब महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्धालय  की जमीन खरीद फर्जीवाड़े में सरकारी अधिकारियों की भूमिका सामने आ रही है। इस खेल में कोर्ट में सरेंडर किए एक आरोपी  जयकिशुन तिवारी ने मोतिहारी के एडीएम कुमार मंगलम, भूअर्जन अधिकारी सहित चार सरकारी सेवकों पर सनसनीखेज आरोप लगाए थे। इस खुलासे के बाद सरकारी महकमे मे ह़ड़कंप मचा है। कोर्ट मे सरेंडर करने के बाद मोतिहारी पुलिस ने आरोपी जयकिशुन तिवारी को रिमांड पर लिया है। चर्चा है कि पुलिस रिमांड मे हुई पूछताछ में भी उसने कई अधिकारियों और सरकारी कर्मी की भूमिका का खुलासा किया है। इसी बीच अब मोतिहारी पुलिस ने आज भूअर्जन विभाग के प्रधान सहायक और एक राजस्व कर्मचारी उमेश सिंह से नगर थाने में पूछताछ कर रही है।

ADM सहित सरकारी सेवक पर गंभीर आरोप

पूरे फर्जीवाड़े में जिस शख्स जयकिशुन तिवारी पर सारा दोष मढ़ा जा रहा था, उसने सोमवार को कोर्ट में समर्पण कर दिया था। समर्पण के बाद उसने पूरे मामले पर अधिकारियों की पोल खोल दी थी। उसने स्वीकार किया था कि वो इस मामले में एक प्यादा भर है। असली खिलाड़ी को तो पूरे मामले में बचाया जा रहा है। इस फर्जीवाड़े में जिले के बड़े अधिकारी एडीएम कुमार मंगलम और जिला भू-अर्जन अधिकारी हैं। इसके अलावे भू-अर्जन विभाग का प्रधान सहायक और एक लिपिक उमेश सिंह की भूमिका है। आरोपी के इस बयान के बाद मोतिहारी पुलिस ने जयकिशुन तिवारी को रिमांड पर लिया है। नगर थाने में आरोपी से पूछताछ चल रही है। इसी बीच पुलिस ने दो अन्य सरकारी कर्मी शारदा प्रसाद सिंह और एक राजस्व कर्मचारी उमेश सिंह से भी नगर थाने मे पूछताछ की है। 

क्या है मामला

केंद्रीय विवि के जमीन अधिग्रहण में फर्जी तरीके से तीन करोड़ पांच लाख रुपये की निकासी कर ली गयी थी। निकासी का आरोप जयकिशुन तिवारी पर लगा था। इसी के खाते में जालसाजी का एक करोड़ 30 लाख और रक्सौल के रहनेवाले अरविन्द सिंह के खाते में पैसा ट्रान्सफर किया गया। जांच में यह पता चला कि फर्जी तरीके से जमीन के दस्तावेज और लगान रशीद बनवाए गए। मामले के खुलासे के बाद भू-अर्जन पदाधिकारी अजीत कुमार ने जालसाज सुकदेव साह, जयकिशुन तिवारी और अरविन्द सिंह को नामजद करते हुए नगर थाना में 25 नवम्बर को प्राथमिकी दर्ज करायी थी।

फर्जीवाड़े के करोड़ 31 लाख रुपये हुए हैं बरामद

केस दर्ज होने के बाद रुपया ठिकाने लगाने के दौरान 1 करोड़ 31 लाख रुपये बरामद कर लिए गये। हालांकि जयकिशुन तिवारी और उसका साथी मौके से फरार होने में कामयाब हो गये थे। बैग में कुल एक करोड़ 31 लाख 13  हजार दो सौ रुपए थे। हरसिद्धी थाने में भी इसको लेकर एक प्राथमिकी दर्ज करायी गयी। पुलिस ने जयकिशुन तिवारी के घर की कुर्की-जब्ती की तब जाकर सोमवार को आरोपी जयकिशुन ने कोर्ट में सरेंडर किया।

एडीएम ने आरोपों से किया था इंकार

आरोपी जयकिशुन तिवारी ने एडीएम कुमार मंगलम, लिपिक उमेश सिंह सहित चार सरकारी सेवकों पर फर्जीवाड़े के आरोप लगाए थे। इस संबंध में जब मोतिहारी के एडीएम कुमार मंगलम से पूछा गया था तो उन्होंने आरोपी जयकिशुन तिवारी को पहचानने की बात से इंकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि वे किसी जयकिशुन को नहीं जानते। जहां तक आरोप की बात है तो इसमें कोई सच्चाई नहीं है।

विवेकानंद की रिपोर्ट

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