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Vodafone Idea के बाद देश की इस बड़ी कंपनी में भी सरकार की होगी 9.5 फीसदी हिस्सेदारी, मिली मंजूरी

Vodafone Idea के बाद देश की इस बड़ी कंपनी में भी सरकार की होगी 9.5 फीसदी हिस्सेदारी, मिली मंजूरी

DESK : देश के उद्योग बाजार में बीते मंगलवार को वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) के सबसे बड़े साझेदार के रूप में सामने आने के बाद अब केंद्र सरकार एक बार फिर एक बड़े कंपनी  में हिस्सेदार बनने जा रही है। यह कंपनी भी कोई सामान्य नाम नहीं, बल्कि देश के सबसे प्रतिष्ठित टाटा समूह से जुड़ा हुआ है। बताया जा रहा है कि सरकार अब टाटा समूह की कंपनी टेलीकॉम कंपनी टाटा टेलीसर्विसेज में साझीदार होगी। 

वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) के बाद टाटा समूह ( Tata Group) की ( Tata Teleservices) के बोर्ड ने भी बकाये AGR ( Adjusted Gross Revenue)  की पूरी ब्याज राशि को इक्विटी (शेयर) में बदलने पर फैसला लेते हुए इस पर अपनी मुहर लगा दी है। टाटा टेलीसर्विसेज (Tata Teleservices) के इस फैसले से कंपनी में अब 9.5 फीसदी हिस्सेदारी भारत सरकार की होगी। टाटा टेलीसर्विसेज  ( Tata Teleservices) ने कंपनी के इस फैसले की जानकारी स्टॉक एक्सचेंजों को दी है।

41.50 रुपए प्रति शेयर की कीमत

टाटा टेलीसर्विसेज  ( Tata Teleservices) के मुताबिक 11 जनवरी 2022 को कंपनी के बोर्ड की हुई बैठक में एजीआर के मद में बकाये ब्याज के रकम को इक्विटी में बदलने का फैसला लिया है. टाटा टेलीसर्विसेज 41.50 रुपये प्रति शेयर के रेट पर बकाये रकम को इक्विटी में कंवर्ट कर भारत सरकार को 9.5 फीसदी शेयर दिया जा रहा है। कंपनी पर AGR ( Adjusted Gross Revenue) के ब्याज के मद पर 850 करोड़ रुपये सरकार का बकाया है।

इससे पहले वोडाफोन आइडिया  (Vodafone Idea) के बोर्ड ने भी भारत सरकार के बकाये स्पेक्ट्रम ( Spectrum) के भुगतान की किश्तों और बकाया AGR ( Adjusted Gross Revenue)  की पूरी ब्याज राशि को इक्विटी (शेयर) में बदलने की घोषणा की थी। जिसके बाद अब कंपनी में 35.8 फीसदी शेयर पर सरकार का अधिकार हो गया है। 

वोडाफोन के शेयर गिरे

वोडाफोन आइडिया में सरकार की हिस्सेदारी की खबर सामने आने के बाद वोडाफोन के शेयर में भारी गिरावट आ गई।   इस फैसले के सामने आते ही कंपनी के शेयर 20.5% गिरे। कंपनी की वैल्यू 8,765 करोड़ रु. घट गई। बता दें कि कंपनी पर एजीआर और स्पेक्ट्रम लाइसेंस के 58,254 करोड़ रु. बकाया हैं। इस पर 16 हजार करोड़ रु. ब्याज चढ़ चुका है। कंपनी ने नकद के बजाय इक्विटी के रूप में बयाज चुकाने का विकल्प चुना है।


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