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पटना में वायु प्रदूषण भारत में तीसरा सर्वाधिक खराब स्तर पर, सीड ने की सरकार से इमरजेंसी प्लान बनाने की अपील

पटना में वायु प्रदूषण भारत में तीसरा सर्वाधिक खराब स्तर पर, सीड ने की सरकार से इमरजेंसी प्लान बनाने की अपील

PATNA :  पटना में गहराते वायु प्रदूषण के स्वास्थ्य संबंधी खतरों के परिप्रेक्ष्य में सेंटर फॉर एन्वॉयरोंमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) ने सरकार से अविलंब पब्लिक हेल्थ एडवायजरी जारी करने और इस संकट से निबटने के लिए एक इमरजेंसी एक्शन प्लान तैयार करने की अपील की है।

बता दें कि सेंटर फॉर एन्वॉयरोंमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) द्वारा किये गये एक अध्ययन-विश्लेषण के अनुसार पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध के बावजूद दीवाली की रात और उसकी अगली सुबह वायु प्रदूषण ने इमरजेंसी स्तर को पार कर लिया। सीड की सीनियर प्रोग्राम ऑफिसर अंकिता ज्योति ने कहा कि पटना में दिवाली के बाद एयर क्वालिटी इस कदर बेहद खराब हो गयी कि यह देश में फरीदाबाद और नोएडा के बाद तीसरा सर्वाधिक खराब स्तर पर रही। गत 8 नवंबर को दोपहर बाद चार बजे (पिछले दिन के 24 घंटे का औसत) एयर क्वालिटी इंडेक्स/वायु गुणवत्ता सूचकांक 427 रहा, जकि फरीदाबाद और नोएडा में यह क्रमशः 455 और 432 था। पटाखे फोड़ने और दीवाली पश्चात सुबह में ठंढ़ी हवा और हवा में ज्यादा नमी ने प्रदूषण के जमाव को और भी गंभीर कर दिया। 

सीड की सीनियर प्रोग्राम ऑफिसर अंकिता ज्योति ने कहा कि पटना शहर को एक घने धुंधल ने घेर लिया है, क्योंकि लोगों ने माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय समयसीमा की अवहेलना करते हुए कहीं ज्यादा देर तक पटाखे छोड़े व आतिशबाजी की। दीवाली पश्चात सुबह में ठंडी हवा और हवा में ज्यादा नमी ने प्रदूषण के जमाव को और भी गंभीर कर दिया। गत सात नवंबर यानी दीवाली के दिन औसतन 24 घंटा पर्टिकुलेट मैटर/पीएम2.5 284 माइक्रोग्राम्स प्रति घन मीटर (mg / cu m) रहा, जो कि राष्ट्रीय औसत से 5 गुना अधिक है। दीपावली के अगली सुबह पटना में प्रदूषण में और वृद्धि हुयी और पीएम 2.5  का स्तर 382 मिलीग्राम / सीयू मीटर हो गया जो कि सुरक्षा सीमा से 6.4 गुना अधिक है। 

सीड ने बयान जारी कर कहा है कि आज हम पहले से ही हानिकारक हवा में सांस ले रहे हैं और दीवाली में फोड़ा गया हरेक पटाखा पहले से गंभीर समस्या बन गये वायु प्रदूषण के भार को और बढ़ाता है। सरकार व न्यायपालिका का निर्णय हमारे स्वास्थ्य व जीवन को बेहतर और सुरक्षित बनाने के लिए था, लेकिन वाकई यह दुर्भाग्यजनक है कि हमने इसका ढंग से अनुपालन नहीं किया।


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