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जिला स्कूल गया के तीन छात्रों द्वारा बनाए गए एयर वाटर जनरेटर को मिला पेटेंट, मार्केट में लाने के लिए नीति आयोग ने दी मंजूरी

जिला स्कूल गया के तीन छात्रों द्वारा बनाए गए एयर वाटर जनरेटर को मिला पेटेंट, मार्केट में लाने के लिए नीति आयोग ने दी मंजूरी

GAYA : बिहार के गया स्थित जिला स्कूल में पढ़नेवाले छात्रों के नाम एक बड़ी उपलब्धी दर्ज की गई है। यहां के हवा की नमी से पानी बनाने के फार्मूले को भारत सरकार ने मान्यता प्रदान कर दी है। साथ ही भारत सरकार ने छात्रों द्वारा बनाए गए एयर वाटर जनरेटर को पेटेंट भी करा दिया है। कंट्रोलर जनरल ऑफ पेटेंट (डिजाइन एवं ट्रेडमार्क) ने जिला स्कूल को इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइइटस का सर्टिफिकेट जारी कर दिया है। इस पेटेंट में एटीएल इंचार्ज डॉ. देवेंद्र सिंह, छात्र प्रेम सागर, प्रीतम कुमार तथा श्रेया सिन्हा एप्लिकेंट एवं इन्नोवेटर है।

अटल टिकरिंग लैब के बच्चों ने किया तैयार

जिला स्कूल की इस कामयाबी पर  शिक्षक डॉ देवेंद्र सिंह ने बताया कि अटल टिंकरिंग लैब के बच्चों द्वारा वाटर कंजर्वेशन प्रोजेक्ट तैयार किया गया था, जिसे भारत सरकार द्वारा मंजूरी दी गई है। इस प्रोजेक्ट का नाम एयर वाटर जनरेटर है। इस वाटर जनरेटर के माध्यम से हवा की नमी से पानी बनाया जाएगा। देश भर से चयनित 7 एटीएल (अटल टिंकरिंग लैब) स्कूलों ने अपने-अपने प्रोजेक्ट के पेटेंट के लिए आवेदन किया था। कई राउंड के टेस्टिंग के बाद कंट्रोलर ऑफ पेटेंट ने जिला स्कूल, गया के इस प्रोजेक्ट को स्वीकृति दी है। 


देश के 300 स्कूलों में हासिल किया पहला स्थान

एटीएल मैराथन प्रतियोगिता में यह प्रोजेक्ट (एयर वाटर जनरेटर) पूरे भारतवर्ष में 300 में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। टॉप-100, टॉप-50, तथा टॉप-8 में भी प्रथम स्थान प्राप्त करने के कारण 14 नवंबर 2019 को भारत के महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा सम्मानित एवं पुरस्कृत किया जा चुका है। छात्रों की इस उपलब्धि पर डीएम अभिषेक सिंह और डीईओ राजदेव राम ने प्रसन्नता जाहिर की और पूरी टीम को बधाई दी। 

इस तरह तैयार किया गया एयर वाटर जेनरेटर

छात्रों द्वारा निर्मित एयर वाटर जनरेटर को भविष्य में सोलर सिस्टम से चलाने की योजना है। हवा की नमी को पानी में बदलने वाले इस मशीन में बिजली और मैनुअली चलने वाली विंड मशीन समेत कंडेंसर, कैपेसिटर, फैन, कंडक्टर, सेमीकंडक्टर तथा छोटे-छोटे कई इलेक्ट्रिक डिवाइस का इस्तेमाल किया गया है। 

मार्केट में लाने के लिए दी गई जिम्मेदारी

नीति आयोग ने इस प्रोजेक्ट को मार्केट में लाने की जिम्मेदारी डेल एवं लर्निंग लिंक्स फाऊंडेशन (एलएलएफ) को दी है। इस पेटेंट में एटीएल इंचार्ज डॉ. देवेंद्र सिंह, छात्र प्रेम सागर, प्रीतम कुमार तथा श्रेया सिन्हा एप्लिकेंट एवं इन्नोवेटर है। अब चारों के बीच बांड भरा जाएगा।


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