NEW DELHI : दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित धर्मादेश कार्यक्रम में देशभर से आए साधु-संत ने राममंदिर को लेकर मोदी सरकार को चेतावनी दे डाला। संत महासम्मेलन में पहुंचे आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि हम हमेशा से मंदिर निर्माण के पक्षधर हैं।
श्री श्री ने कहा कि संतों को मंदिर की जरूरत नहीं होती है। संत जहां होते हैं मंदिर वहीं होता है, लेकिन आम जनता चाहती है कि मंदिर बने। उन्होंने आगे कहा कि मंदिर के लिए हम प्रयत्न और प्रार्थना, दोनों का ही रास्ता अपनाएंगे। जाहिर तौर पर श्री श्री मध्यस्थता की वकालत करते दिखे।
हिन्दू और मुस्लिम पक्षकारों के बीच मध्यस्थता की कोशिश कर चुके श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि उन्होंने आज भी सभी पक्षों के बीच सुलह की कोशिशें जारी रखी हैं। कार्यक्रम में पहुंचे स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि राम मंदिर या तो अध्यादेश के जरिए बन सकता है या फिर सौहार्दपूर्ण माहौल से बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अब हालात काबू से बाहर हो रहे हैं और हमारा सब्र टूट रहा है।
चुनाव से पहले बने मंदिर
स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि हम अयोध्या में राम मंदिर चाहते हैं। जब सुप्रीम कोर्ट एक आतंकी के लिए आधी रात को खुल सकता है तो फिर धार्मिक आस्था का मामला क्यों टाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोर्ट का सम्मान है लेकिन राम मंदिर हमारा अधिकार है। स्वामी ने कहा कि अगर सरकार 2019 चुनाव से पहले राम मंदिर बनवाने में नाकाम रहती है तो भगवान उन्हें सजा देगा। उन्होंने कहा कि कोई इसे लेकर गंभीर हो या नहीं लेकिन संत समाज मंदिर को लेकर गंभीर है।
वीएचपी ने की जल्द मंदिर निर्माण की मांग
विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि फैसले में देरी करके सुप्रीम कोर्ट अपने कर्तव्य का पालन नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि मामलों कोर्ट में होने पर केंद्र सरकार इसके लिए कानून बना सकते है और अगर सरकार चाहे तो आसानी से मंदिर बन सकता है। बता दें कि दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम देश भर से 3 हजार संत जुटे हैं। संतों के इस जमावड़े को धर्मादेश संत महासम्मेलन नाम दिया गया है।