एमपी में सपा के लिए सीटें नहीं छोड़ने पर कांग्रेस पर भड़के अखिलेश, कह दिया - अभी नहीं किया तो भविष्य में भी कभी नहीं होगा गठबंधन, इंडिया की एकता पर लगा ग्रहण, 2024 को भूल जाइए

एमपी में सपा के लिए सीटें नहीं छोड़ने पर कांग्रेस पर भड़के अखिलेश, कह दिया - अभी नहीं किया तो भविष्य में भी कभी नहीं होगा गठबंधन, इंडिया की एकता पर लगा ग्रहण, 2024 को भूल जाइए

BHOPAL : कुछ माह पहले जब इंडिया गठबंधन की घोषणा हुई थी, तो  उस समय चर्चा थी कि जो पार्टी जिस राज्य में मजबूत है, वह ही उस राज्य में चुनाव लड़ेगा, बाकी पार्टियां सिर्फ उसका सपोर्ट करेगी। जिसे सभी ने समर्थन किया था, लेकिन उस समय यह तय नहीं किया गया कि यह फार्मूला प्रदेश के चुनाव पर लागू होगा या सिर्फ लोकसभा चुनाव पर। अब यही फार्मूला इंडिया गठबंधन की गले की फांस बन गया है। 

दरअसल, एमपी में विधानसभा चुनाव होने हैं। तारीखों की घोषणा हो चुकी है। यहां कांग्रेस की सीधी चुनौती भाजपा से है। कांग्रेस यहां सबसे मजबूत पार्टी भी है। इसलिए उसने अकेले ही चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी और कैंडिडेट के नाम की घोषणा कर दी। वहीं दूसरी तरफ सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव भी अपनी पार्टी का विस्तार एमपी में करना चाहते हैं। वह चाहते थे कि कांग्रेस के साथ वह इंडिया गठबंधन के तहत मैदान में उतरें, लेकिन कांग्रेस ने उनके लिए कोई सीट नहीं छोड़ी, जो बाद अखिलेश यादव को नागवार गुजरी है।

अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस के फैसले से नाराज होकर दो टूक कह दिया है कि लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस को INDIA गठबंधन के बारे में तय करना है कि यह गठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर होगा या प्रदेश स्तर पर. अगर अभी प्रदेश स्तर गठबंधन नहीं किया गया तो भविष्य में भी प्रदेश स्तर पर गठबंधन नहीं होगा.

अखिलेश यादव के इस बयान के बाद अब साफ हो गया है कि INDIA गठबंधन में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी दोनों एक दूसरे से असहज है. 

सपा की सीटों पर उतारे कैंडिडेट

 समाजवादी पार्टी को उम्मीद थी कि मध्य प्रदेश के चुनाव में कांग्रेस पार्टी उसके लिए कुछ सीटें जरूर छोड़ देगी. लेकिन हुआ इसके ठीक उल्ट. कांग्रेस ने उन सीटों पर भी अपना उम्मीदवार उतार दिए, जहां पिछली बार समाजवादी पार्टी जीती थी. यही बात अखिलेश यादव को अखर गई.

2024 में भी नहीं होगा गठबंधन

अखिलेश यादव ने पहले मध्य प्रदेश के कई सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया. इसके बाद अपनी पार्टी का घोषणा पत्र जारी कर साफ-साफ कह दिया है कि अगर प्रदेश स्तर पर गठबंधन नहीं किया गया तो भविष्य में भी प्रदेश स्तर पर भी गठबंधन नहीं होगा. यानी कांग्रेस पार्टी को खुली चुनौती और धमकी अखिलेश यादव ने दे दी कि मध्य प्रदेश नहीं तो 2024 में उत्तर प्रदेश में गठबंधन भूल जाओ।

कांग्रेस के फैसले का है इंतजार

इस बयान के बाद अब देखना है कि क्या कांग्रेस पार्टी बैकफुट पर आती है या नहीं. क्या वह बची हुई सीटों में समाजवादी पार्टी को समायोजित करती है या फिर अकेले ही लड़नी है. अगर कांग्रेस मध्य प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ी तो INDIA गठबंधन के लिए 2024 में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का एक होना मुश्किल हो जाएगा


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