यूपी का चुनावी समर जीतने की जुगत लगाए अखिलेश यादव को लगा बड़ा झटका, दलितों को सपा से दूर न कर दे चंद्रशेखर ‘रावण’ का दांव

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव जीतने के लिए सभी वर्गों को अपने साथ जोड़ने की समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के मंसूबों को दलित नेता और भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने बड़ा झटका दिया है. रावण के नाम से लोकप्रिय चंद्रशेखर ने आरोप लगाया है कि अखिलेश हमेशा से दलितों का अपमान करते रहे हैं.
उन्होंने कहा, अखिलेश यादव सामाजिक न्याय का मतलब नहीं समझते हैं. अखिलेश ने दलितों का अपमान किया है. उन्होंने कहा कि भाजपा को सत्ता में नहीं आने देंगे. चंद्रशेखर आजाद ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर जोरदार हमला बोला.
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि मेरी अखिलेश यादव से पिछले 6 महीनों में काफी मुलाकातें हुईं हैं. इस बीच सकारात्मक बातें भी हुई लेकिन अंत समय में मुझे लगा कि अखिलेश यादव को दलितों की ज़रूरत नहीं है. वह इस गठबंधन में दलित नेताओं को नहीं चाहते। वह चाहते हैं कि दलित उनको वोट करें.
आजाद ने कहा कि आरक्षण समेत सभी मुद्दों पर बात हुई. नौ साल से बहुजन समाज को इकट्ठा कर रहे हैं. मायावती को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं. हमारा उद्देश्य बीजेपी को रोकना है. उन्होंने कहा कि मेरी प्रेस कॉन्फ्रेंस रोकने की कोशिश की गई. अखिलेश यादव शायद गठबंधन नहीं चाहते हैं. मुझे अखिलेश यादव ने अपमानित किया. अखिलेश यादव ने शाम तक बताने को कहा था लेकिन कुछ नहीं बताया.. हम जेल गए, मेरी लड़ाई विधायक बनने की नहीं है. मुझे सामाजिक न्याय चाहिए.
चंद्रशेखर ‘रावण’ की इस घोषणा से समाजवादी पार्टी के दलित वोट बैंक को अपने पाले में लाने की जुगत को झटका के रूप में देखा जा रहा है. यूपी में दलितों की बड़ी आबादी है जो चुनाव को प्रभावित करती है. ऐसे में रावण का अखिलेश पर दलित समुदाय को किनारे करने का आरोप आने वाले समय में सपा की मुसीबत बढ़ा सकता है. खासकर रावण और मायावती दोनों को दलितों का बड़ा नेता माना जाता है और दोनों अगर अखिलेश के खिलाफ एकजुट हुए तो यह सपा को बड़ा झटका होगा.