Patna: शराबबंदी कानून लागू होने के बाद पुलिस और शराब माफियाओं के गठजोड़ को लेकर बराबर खबरें आती रही हैं. कई पुलिसकर्मियों को शराब माफियाओं से सांठगांठ के आरोप में कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ा है. बिहार में कई थानाध्यक्ष जिनके क्षेत्र में शराब मिला था उन्हें थाना अध्यक्ष के पद से 10 वर्षों के लिए हटा दिया गया. इसी कड़ी में पटना में एक बड़ी कार्रवाई हुई है जिसमें शराब माफियाओं से सांठगांठ के आरोप में 2 दारोगा और एक एएसआई को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है.
मामला 2017 का है और राजधानी के बेउर थाने से संबंधित है. दरअसल 2017 में जनवरी की 20 तारीख को रात में इस थाना की पुलिस ने शराब भरी एक गाड़ी को पकड़ा और फिर उसे थाने लाया गया लेकिन रात में ही संबंधित गाड़ी और शराब माफियाओं को तीन पुलिसकर्मियों ने घूस का पैसा लेकर छोड़ दिया.
इन पुलिसकर्मियों में एएसआई श्रवण कुमार, दारोगा विश्वंभर प्रसाद और दारोगा सुनील कुमार की संलिप्तत्ता पाई गई. इस पूरे मामले की जांच का आदेश तत्कालीन एसएसपी ने सिटी एसपी को दिया था. मामले की जांच में तीनों पदाधिकारियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई और यह बात सामने आई कि इन तीनों ने शराब माफियाओं को मदद की थी.
इसके बाद इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई चल रही थी. विभागीय कार्रवाई के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए उक्त तीनों पुलिस पदाधिकारियों को मंगलवार की शाम पटना सेंट्रल रेंज के आईजी द्वारा सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया. आईजी संजय सिंह ने माना है कि इन तीनों पुलिसकर्मियों ने जानबूझकर शराब माफियाओं को मदद की थी. इसके साथ ही नालंदा के रूप में पदस्थापित सिपाही ललन कुमार शर्मा द्वारा शराब पीकर हल्ला और हंगामा करने के आरोप में पुलिस अधीक्षक नालंदा निलेश कुमार ने सेवा से बर्खास्त कर दिया है इस आदेश पर भी आईजी ने अपनी मुहर लगा दी है.