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कहानी जॉर्ज फ़र्नांडिस की, जब लालू यादव ने उन्हें कह दिया था बोगस इंसान...

कहानी जॉर्ज फ़र्नांडिस की, जब लालू यादव ने उन्हें कह दिया था बोगस इंसान...

Patna: मजदूर नेता से देश के शीर्ष नेता तक का सफर तय करने वाले जॉर्ज फर्नांडिस उन चंद नेताओं में शुमार रहे जिन्हें जनता से बेहद प्यार और सम्मान भी मिला. मजदूर यूनियन के आंदोलन से शुरुआत करते हुए उन्होंने भारतीय राजनीति में अपनी अमिट पहचान बनाई. यह वही जार्ज फर्नांडिस हैं जिन्होंने कुख्यात आपातकाल के दौरान मछुआरे, साधु और सिख बनकर आंदोलन चलाते रहे. जॉर्ज फर्नांडिस आज हमारे बीच नहीं हैं और आज बुधवार को उनकी पहली पुण्यतिथि है. आइये जानते हैं उनसे जुड़े कुछ किस्से...

जब लालू यादव ने कहा था जॉर्ज फ़र्नांडिस को बोगस व्यक्ति
जॉर्ज फ़र्नांडिस ने अपनी ज़िंदगी में न तो कभी कंघा खरीदा और न ही इस्तेमाल किया, अपने कपड़े वो ख़ुद साफ करते थे, वो उन कपड़ों को प्रेस ज़रूर कराते थे लेकिन उन्हें सफेद कलफ लगे कपड़े पहनना बिल्कुल पसंद नहीं था. लालू यादव ने एक बार अपने भाषण में कहा था कि जॉर्ज बिल्कुल बोगस व्यक्ति हैं. वो धोबी के यहाँ अपने कपड़े धुलवाते हैं. वहाँ से धुल कर आने के बाद वो उसे मिट्टी में सान कर निचोड़ कर फिर पहन लेते हैं. उनको खाने का बहुत शौक था. खासतौर से कोंकण की मछली और क्रैब करी उन्हें बहुत पसंद थी.

जब जॉर्ज ने उखड़वा दिए थे अपने गेट
बतौर रक्षा मंत्री जॉर्ज फ़र्नांडिस भारत के अकेले मंत्री थे जिनके निवास स्थान पर कोई गेट या सुरक्षा गार्ड नहीं था और कोई भी उनके घर पर बेरोकटोक जा सकता था. जॉर्ज साहब के घर के सामने गृह मंत्री शंकरराव चव्हाण रहा करते थे, उनके साथ बहुत बड़ा सिक्योरिटी बंदोबस्त चलता था, जॉर्ज साहब उन दिनों विपक्ष में बैठते थे, जब भी चव्हाण को संसद जाने के लिए अपने घर से निकलना होता, उनके सुरक्षाकर्मी जॉर्ज साहब का गेट बंद करवा देते ताकि उस घर में रहने वाला कोई शख़्स अंदर बाहर नहीं जा सकता था. एक दिन उनको इससे बहुत ग़ुस्सा आ गया, उन्होंने कहा कि चव्हाण साहब की तरह मेरा भी संसद जाना बहुत ज़रूरी है अगर उनकी सुविधा के लिए मुझे मेरे ही घर में बंद किया जाता है तो मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकता. उन्होंने अपना गेट उखड़वा दिया, उन्होंने कभी अपने घर पर गार्ड नहीं रखा.

आखिरकार मान ली अटल बिहारी वाजपेयी की बात
रक्षा मंत्री बनने के बाद भी अटल बिहारी वाजपेयी तक ने उनसे सुरक्षाकर्मी रखने के लिए अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने उनकी बात नहीं मानी, आख़िर में उन्होंने गार्ड रखना तब स्वीकार किया जब संसद के ऊपर हमला हो गया. तब उनसे कहा गया कि जॉर्ज फ़र्नांडिस को मारा जाना इतनी बड़ी बात नहीं होगी, लेकिन अगर देश के रक्षा मंत्री को मारा जाता है, तो ये देश के लिए बहुत बड़ा धक्का होगा, तब उन्होंने अनमने मन से अपने घर एक दो गार्ड रखने शुरू किए. 


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