जदयू के नीरज का आरोप, संविधान विरोधी है भाजपा, जातीय गणना में उजागर हुआ दोहरा चरित्र

जदयू के नीरज का आरोप, संविधान विरोधी है भाजपा, जातीय गणना में उजागर हुआ दोहरा चरित्र

BHAGALPUR: बिहार में जातीय जनगणना पर हाईकोर्ट द्वारा रोक हटाए जाने के बाद सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। जदयू-राजद के नेता बीजेपी को निशाने पर ले रहे हैं और उनकी जातीय जनगणना पर रोक लगाने की कोशिश को फेल बता रहा है। इसी क्रम में जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार बुधवार को भागलपुर के नवगछिया में संवाददाता सम्मेलन में पहुंचे। जहां उन्होंने जातीय जनगणना पर रोक लगाने वाले याचिकाकर्ताओं पर बीजेपी का करीबी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के इशारे पर याचिका दाखिल की गई है। 

नीरज कुमार ने कहा कि, जाति जनगणना हम कर रहे थे, प्रधानमंत्री मोदी की सरकार के इंकार करने के बाद बिहार में जातीय जनगणना का काम शुरू हुआ। जिसके बाद भाजपा यूथ फॉर इक्वलिटी नाम की एक संस्था है जो 10 प्रतिशत आरक्षण मिला था उसमे भी याचिका दाखिल किया था और 27 प्रतिशत आरक्षण मिला था उसमे भी याचिका दायर किया था। भाजपा का वो मीडिया में चेहरा हैं, प्रो० संगीत रागी डिबेट में भाग लेते है। आरएसएस और भाजपा के पक्ष से, तो बीजेपी के दूषित मंशा थी, और दूषित मंशा को बचाने का काम उच्च न्यायालय ने किया है और उच्च न्यायालय ने जो टिप्पणी की है इससे भाजपा को शर्मसार हो जाना चाहिए।

जेडीयू प्रवक्ता ने जाति जनगणना के खिलाफ याचिकाकर्ताओं के बहाने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा की गोद मे खेलने वाले यूथ फॉर इक्वलिटी के प्रोफेसर माखनलाल, प्रोफेसर संगीत कुमार रागी एक प्लान के तहत कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उन्होंने कहा कि बीजेपी जाति आधारित जनगणना रोकने का अथक प्रयास कर रही है। जेडीयू प्रवक्ता का कहना है कि यदि जातीय जनगणना हो जाती है है तो बीजेपी का जो दोहरा चरित्र पूरे देश के सामने आ जायेगा। आखिरकार भाजपा जाति जनगणना के विरोध में क्यों थी, इसका सीधा कारण है के केंद्र की सरकार नरेंद्र मोदी की सरकार जिसने गलत आश्वासन लोगो के बीच दिया , सामाजिक आर्थिक जनगणना जिसका 80 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गया। इससे तो पता चल जायेगा की उनके सब्सिडी का क्या हाल है, फर्जी नारे का क्या हाल है, कितना किसके खाते में डाला, कहां कहां नौकरी किसको मिली ये सब डाटा जब आ जायेगा तो भाजपा भयभीत हो गई नही तो भाजपा यदि इससे सहमत होती तो भाजपा इंटरभेनर कोर्ट में क्यों नहीं बनी। लेकिन भाजपा का दूषित मंशा उजागर हुआ और भाजपा बेनकाब हुई। 

उन्होंने कहा कि भाजपा समाज के किसी हित में नही है।भाजपा जनगणना विरोधी ही नही संविधान विरोधी सरकार भी है। कोरोना काल के बाद 80 से अधिक देशों में जनगणना करवा लिया, तो भाजपा बहाना क्यों बना रही है। क्योंकि 2026 में परिसीमन होना है। परिसीमन जनगणना के आधार पर होता है। वोट डालने के अधिकार को छीनने का साजिश का एक हिस्सा माना जायेगा। साथ हीं जाति जनगणना से डरती है, इसको लगता है यदि जाति जनगणना करेंगे तो हम एक्सपोज हो जायेंगे। भाजपा एक्सपोज होने के डर से जनगणना नहीं करा रही है। जब भाजपा बिहार में सरकार में थी तो सपोर्ट भी कर रही थी के यूथ फॉर इक्वलिटी से याचिका भी दायर करा रही थी, याचिकाकर्ता से भाजपा का संबध है।

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