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सिस्टम का गजब खेल,आपूर्ति विभाग का अजीबोगरीब कारनामा,एक राशन डीलर को मिलता है मात्र 20 किलो राशन

सिस्टम का गजब खेल,आपूर्ति विभाग का अजीबोगरीब कारनामा,एक राशन डीलर को मिलता है मात्र 20 किलो राशन

MOTIHARI : किसी सरकारी राशन दुकान में सैकड़ों राशनकार्ड धारी होते हैं। लेकिन बिहार के मोतिहारी जिले में एक ऐसा पीडीएस दुकान है, जहां पूरे इलाके में सिर्फ दो राशनकार्डधारियों के नाम हैं। हर माह इन दोनों कार्डधारियों के लिए पीडीएस डीलर को 20 किलो राशन उपलब्ध कराया जाता है। इसे सबसे छोटा पीडीएस दुकान कहें तो गलत नहीं होगा।

अगर ऐसा समझते हैं कि इस इलाके में सरकारी राशन की पात्रता रखनेवाले लोग नहीं है तो गलत है। यह सब यहां के सिस्टम के कारण हुआ है। जिले के खाद्य विभाग की कारगुजारियों के कारण उक्त पीडीएस डीलर के नाम पर दर्ज सभी राशनकार्डधारियों को पास के दूसरे पीडीएस दुकान में ट्रांसफर कर दिया गया है। जिसे सुधारने के लिए कई बार आवेदन देने के बाद भी अधिकारियों द्वारा कोई सुनवाई नहीं हो रही है।


मोतिहारी जिले का नाम हमेशा महात्मा गांधी से जोड़ा जाता है। लेकिन, हाल के महीनों में यह जिला भ्रष्टाचार का बड़ा केंद्र बन गया है। यहां इंटर की परीक्षा में गड़बड़ी होती है। मैट्रिक की परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होते हैं। उत्पाद विभाग और रजिस्ट्रार कार्यालय के अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाते हैं। उनके यहां छापेमारी होती है। अब जिले के खाद्य विभाग की बारी है। यहां पीडीएस के राशन में किस प्रकार का खेल चल रहा है। यह जिले के बंजरिया प्रखंड के सिसवा पंचायत में देखा जा सकता है। यहां प्रदीप कुमार के नाम पर पीडीएस आंवटित है। लेकिन बीते 5 माह से हर माह महज 20 किलो राशन ही वितरण करने के लिए दिया जा रहा है जिसमें 12 किलो चावल व 8 किलो गेंहू शामिल है।  उक्त डीलर के यहाँ पॉश मशीन में महज 2 ही कार्डधारियों का नाम अंकित हैं. सबसे रोचक मामला है कि बिना डीलर के ड्राफ् लगाए ही अधिकारी व माफिया अपने से ड्राफ्ट लगाकर राशन डीलर को भेज देते है। सिस्टम में नही आने पर पूर्व में डीलर का लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया था। हाई कोर्ट से निलंबन रद्द होने के बाद से सिस्टम का खेल जारी है।

जनवितरण प्रणाली दुकानदार प्रदीप कुमार इसको लेकर बंजरिया एमओ, सदर एसडीओ, डीएम से कई बार पत्र लिखकर शिकायत कर दिए हैं, बावजूद इसके मामला ज्यो का त्यों बना हुआ है.  प्रदीप कुमार ने बताया कि बीते सितम्बर 2021 से महज 20 किलो ही राशन मिल रहा है. उन्होंने बताया कि 12 किलो चावल व 8 किलो गेंहू. पॉश मशीन में 2 ही लाभुक विभाग के द्वारा रखा गया है. और लाभुकों को दूसरे जगह टैग कर दिया गया है. डीलर ने बताया कि इसका शिकायत वह कई बार पत्र लिखकर एमओ, सदर एसडीओ, डीएसओ, डीएम से कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 के अप्रैल में जनवितरण प्रणाली का लाइसेंस विभाग के द्वारा निर्गत किया गया. उस समय उनको 18-20 किवंटल राशन वितरण करने के लिए मिल रहा था।

हाईकोर्ट के आदेश के बाद अधिकारी निकाल रहे हैं अपना गुस्सा

2019 के जुलाई में जांच कर लाइंसेंस निलबिंत कर दिया गया. उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद जुलाई 2021 से पुनः सामान मिलने का आदेश हो गया. जिसके बाद से ही मात्र 20 किलो हर माह राशन वितरण करने के लिए मिल रहा है. उन्होंने बताया कि एक - दो माह उठाव किये, उसके बाद से छोड़ दिए. उन्होंने बताया कि अब वह ड्राफ लगाना भी छोड़ दिया है. उन्होंने अधिकारियों पर खुद से ड्राफ़ लगा कर दो से तीन माह पर एक बार कर राशन भेज देने का आरोप लगाया है. 

इस संबंध में एमओ अजय कुमार दीपक ने कहा कि विभाग को पत्र लिखा गया है. उन्होंने बताया कि पॉश मशीन में कुछ खराबी के कारण ऐसा हुआ है. जल्द ही सुधार हो जाएगा।

REPORTED BY AWANISH MISHRA

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