News4nation desk : जिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने शख्स को आरोपी बनाया था। उसी सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपी को जमानत मिली।
दरअसल नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में पिछले महीने हुई हिंसा को लेकर गिरफ्तार एक और आरोपी को अदालत ने जमानत पर रिहा कर दिया। पुलिस ने जिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर इस व्यक्ति को आरोपी बनाया, वही उसके लिए राहत का आधार भी बना।
अदालत ने पाया कि फुटेज में आरोपी अपने हाथ में सिर्फ छड़ी लेकर खड़ा नजर आ रहा है, पर किसी के घर में चोरी करता हुआ या आगजनी करता हुआ नहीं दिख रहा, जैसा कि उस पर आरोप है।
आरोपी की जमानत अर्जी मंजूर करते हुए कोर्ट ने कहा कि हाल ही में नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में बड़े पैमाने पर दंगे और हिंसा हुई, जिससे सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा। तमाम लोगों को चोटें आईं और 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई।
आरोपी चिंटू उर्फ संतोष कुमार पर सिर्फ इतना आरोप है कि उसके पास एक छड़ी थी और वह किसी दूसरे के घर के सामने खड़ा था। ऐसी कोई सामग्री नहीं जिससे यह लगे कि आरोपी घर से चोरी के अपराध में शामिल था।
डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज (नॉर्थ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट) डॉ. सुधीर कुमार जैन ने सभी तथ्यों और परिस्थितियों को देखने के बाद आरोपी चिंटू उर्फ संतोष कुमार को जमानत दी। उसे 25,000 रुपये का निजी मुचलका और इतनी ही रकम की एक जमानती देने के लिए कहा गया।
वहीं अदालत ने निर्देश दिया कि वह इस दौरान मामले के गवाहों को किसी तरह का लालच या धमकी न दे और साक्ष्यों से छेड़छाड़ न करे।
बता दें पिछले दिनों सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर हिंसा हुई थी। इस दौरान कई घरों में लूटपाट और आगजनी की घटना को अंजाम दिया गया था। उसी घटना की शिकार एक नजमा नाम की महिला की शिकायत पर न्यू उस्मानपुर थाने की पुलिस ने इस केस में एफआईआर दर्ज की। महिला ने अपने घर से सामान चोरी होने का आरोप लगाया था। जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था।
आरोपी की ओर से एडवोकेट मनीष भदौरिया ने जमानत के लिए अर्जी दी। उन्होंने अदालत को बताया कि चिंटू पर अपने पूरे परिवार की देखरेख की जिम्मेदारी है जिसमें उसकी गर्भवती पत्नी भी शामिल है। वह गृह मंत्रालय में काम करता है और दंगों के दौरान अपने परिवार वालों की सुरक्षा के मद्देनजर अपने घर के बाहर खड़ा था।