केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने CRPF को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि सीआरपीएफ दुनिया का सबसे बहादुर सशस्त्र बल है। इतिहास को सीआरपीएफ के बहादुरी के किस्से को हमेशा स्थान देना होगा। CRPF के 2181 जवानों ने बलिदान दिया है। उन्होंने कहा कि देश में किसी भी प्रकार के दंगे हुए हो तो उन्हें भी CRPF नियंत्रित करती है। CRPF ही नक्सलियों का सामना करती है। चाहे अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा के लिए अभेद घेरा बनाने की बात हो, संसद को सुरक्षा प्रदान करने की बात हो। अमित शाह ने यह बात दिल्ली में CRPF मुख्यालय के शिलान्यास के दौरान ये बात कही है।
गृह मंत्री ने कहा कि सीआरपीएफ के जवानों को होने वाली दिक्कतों से देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री वाकिफ हैं। हम चाहते हैं कि हर जवान साल में अपने परिवार के साथ 100 बिताए।
अमित शाह ने कहा कि 100 छुट्टी को लेकर हमने इसके लिए कमेटी बना दी है। कुछ संस्थाओं को मैंने सॉफ्टवेयर बनाने के लिए कहा है। अगले बजट में उसके लिए प्रावधान आएगा। जवान साल में 100 दिन अगर वह अपने परिवार के साथ रहता है तो वह अपनी जिम्मेदारियों का बेहतर निर्वहन कर पाएगा। सिर्फ जवानों का हेल्थ चेकअप होता है लेकिन अब जवानों के मां-बाप बच्चे और पत्नी का भी हेल्थ चेकअप होगा।
अमित शाह ने कहा कि 21 अक्टूबर 1959 को सीआरपीएफ के सिर्फ 10 जवानों ने अत्याधुनिक हथियारों से लैस चीन की टुकड़ी से लड़ाई लड़ी और बलिदान दिया। शाह ने कहा है कि त्रिपुरा और पंजाब में आतंकवादपूरी तरह खत्म हो गया है। कच्छ के सरदार पोस्ट पाकिस्तानी हमले को भी सीआरपीएफ ने बचाया। जब तक सेना नहीं पहुंची सीआरपीएफ के जवान अपनी जगह पर डटे रहे।