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अमित शाह - नीतीश कुमार की मुलाकात ने एनडीए में किया सब 'ऑल इज वेल', लेकिन भाजपा नेताओं के लिए बज गई खतरे की घंटी, जानें कैसे

अमित शाह - नीतीश कुमार की मुलाकात ने एनडीए में किया सब 'ऑल इज वेल', लेकिन भाजपा नेताओं के लिए बज गई खतरे की घंटी, जानें कैसे

PATNA : बिहार के एकदिवसीय दौरे के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और सीएम नीतीश कुमार के बीच मुलाकात ने उन तमाम कयासों पर लगभग विराम लगा दिया है, जिसमें यह कहा जा रहा था कि यहां जल्द ही नीतीश सरकार की विदाई हो जाएगी। दोनों की मुलाकात के बाद एक बात साफ हो गई है कि एनडीए सरकार को हाल फिलहाल कोई खतरा नहीं और सरकार में सबकुछ ऑल इज वेल है।

वहीं बताया जा रहा है दोनों नेताओं के बीच मुलाकात के दौरान बिहार सरकार को लेकर कई महत्वपूर्ण विषयों पर बातचीत हुई है। जिसमें एक बड़ा फैसला मौजूदा नीतीश कैबिनेट में बदलाव का है। मुकेश सहनी प्रकरण के बाद नीतीश सरकार में बदलाव की संभावना जताई जा रही थी। अब अमित शाह से  भेंट के बाद इन अटकलों को एक बार फिर से हवा मिलनी शुरू हो गई है। 

भाजपा कोटे में हो सकता है बड़ा बदलाव

ऐसी चर्चा है कि मौजूदा सरकार में भाजपा  कोटे के मंत्रियों के काम से सीएम खुश नहीं है। उन्होंने इसकी पूरी रिपोर्ट अमित शाह को सौंपी है। साथ ही बीजेपी के कुछ मंत्रियों की सेहत खराब रहने के कारण सरकार का काम प्रभावित हो रहा  है। ऐसे में भाजपा कोटे के मंत्रियों में बड़े बदलाव किए जा सकते हैं। ऐसी संभावना है कि इस बदलाव के बाद नीतीश मंत्रिमंडल में होने वाले फेरबदल में स्वस्थ और युवा मंत्रियों को जगह दी जा सकती है।


बड़बोले विधायकों को चुप रहने के निर्देश

सूत्रों की मानें तो अमित शाह ने मंत्रिमंडल में फेरबदल के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अधिकृत किया है. उन्होंने साफ कहा है कि नीतीश कुमार जो चाहेंगे, वहीं किया जाएगा. बीजेपी के एक नेता ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि अमित शाह ने संजय जयसवाल के जरिए पार्टी के बड़बोले विधायकों, नेताओं को साफ संदेश दे दिया है कि सरकार के खिलाफ कुछ भी बोलने से पहले सोचें. 

बीजेपी नेता ने बताया कि अमित शाह के साथ मंच पर मौजूद कई नेताओं का उत्साह गायब था, उनके चेहरे उतरे हुए थे. इसे . मंच पर बीजेपी के जिन नेताओं को बुलाया गया था उनमें से कइयों को संजय जयसवाल ने अमित शाह का संदेश दे दिया था. 

हार को लेकर पार्टी गंभीर

सुशील मोदी की ओर से कही गई समीक्षा वाली बात को भी केंद्रीय नेतृत्व ने गंभीरता से लिया है. अमित शाह ने भी बिहार में आत्मचिंतन की सलाह दी है. माना जा रहा है कि इन सभी बातों की छाप मंत्रिमंडल विस्तार पर साफ दिखेगी.

सहनी की जगह पिछड़े को मौका

सूत्रों की मानें तो मुकेश सहनी प्रकरण भी मंत्रिमंडल में फेरबदल की बड़ी वजह है. सहनी की नीतीश मंत्रिमंडल से छुट्टी के बाद उनकी जगह किसी और को मंत्री बनाए जाने की बात है. मुकेश सहनी के हटने से पड़ने वाले विपरीत प्रभाव को रोकने की रणनीति के तहत बीजेपी चाहती है कि किसी अति पिछड़े चेहरे को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाए।


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