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गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होगा अमित शाह का बिहार दौरा, भाजपा ने पूरी कर ली तैयारी

गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होगा अमित शाह का बिहार दौरा, भाजपा ने पूरी कर ली तैयारी

पटना. केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में 23 अप्रैल को एक इतिहास रचा जाएगा. आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 23 अप्रैल को भोजपुर के जगदीशपुर में  बाबू वीर कुंवर सिंह के अंग्रेजों पर जीत हासिल करने की स्‍मृति में मनाया जाने वाला विजयोत्सव समारोह में अमित शाह मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने वाले हैं. इस समारोह में एक साथ 75 हजार राष्ट्रीय ध्वज फहराकर वर्ल्ड रिकार्ड बनाया जाएगा. अगर ऐसा होता है तो यह 'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में दर्ज हो जाएगा. खास बात यह भी रहेगी कि एक साथ इतनी बड़ी सख्या में तिरंगा में लहराकर बिहार में जो रिकॉर्ड बनेगा उससे पाकिस्तान का रिकॉर्ड टूटेगा. 

एक ही कार्यक्रम में सबसे ज्यादा राष्ट्रीय ध्वज फहराने का रिकॉर्ड पाकिस्तान के नाम पर है, जहां 2004 में 57632 राष्ट्रीय ध्वज एक साथ फहराए गए थे. ऐसे में भाजपा की कोशिश है कि न सिर्फ अमित शाह की उपस्थिति में बाबु वीर कुंवर सिंह के विजयोत्सव समारोह को ऐतिहासिक बनाया जाए बल्कि इसी बहाने तिरंगा लहराने का रिकॉर्ड भी बन जाए. यहां तक कि गिनीज बुक वालों की ओर से एक टीम भी कार्यक्रम स्थल पर पहुंचेगी और तिरंगों की गिनती की जाएगी. कहा जा रहा है कि भाजपा की कोशिश एक लाख से ज्यादा तिरंगा लहराने की है. 

भाजपा की ओर से इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए काफी लम्बे अरसे से तैयारी की जा रही है. मुख्य कार्यक्रम जगदीशपुर से दो किलोमीटर दूर आरा-मोहनियां मार्ग के किनारे दुलौर गांव में होगा. यहां करीब 3 लाख वर्गफीट में पंडाल बनाया गया है. भाजपा ने सभी लोगों से दलगत भावना से हटकर कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की है. कार्यक्रम स्थल पर 20 एकड़ जमीन में दो हेलीपैड, जगदीशपुर किला माडल का मंच और तीन पंडाल बनाए गए हैं. लगभग 10 हजार वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था की गई है.

सन् 1857 की क्रांति को भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम कहा जाता है. उसी दौरान बिहार के भोजपुर इलाके के बाबू वीर कुंवर सिंह की अंग्रेजों के साथ लड़ाई हुई थी. उन्होंने उस युद्ध में अंग्रेज सैनिकों को अपनी रियासत के बाहर खदेड़ दिया और बड़ी जीत हासिल की. हालांकि अंग्रेजों से जंग के दौरान कुंवर सिंह घायल हो गये. कुछ समय तक उपचाररत रहने के बाद उनका निधन हुआ. उसी लड़ाई के स्मरण में हर साल जगदीशपुर में विजयोत्सव का आयोजन होता है. इस बार भाजपा ने इसे आजादी के 75 साल होने पर देश में चल रहे अमृत महोत्सव से जोड़ दिया है और जगदीशपुर में बड़ा आयोजन हो रहा है. 

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