बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

अमृतसर हादसा: आस्था और उत्साह के बीच सचेत रहना भी है जरुरी

अमृतसर हादसा: आस्था और उत्साह के बीच सचेत रहना भी है जरुरी

N4N Desk: रावण दहन के दौरान अमृतसर में 74943 नकोदर-जालंधर डीएमयू ट्रेन ने करीब 50 लोगों को कुचल दिया। लोगों में उत्साह ऐसा की जान की बाजी तक लगा दी. इस हादसे के बाद आरोप का सिलसिला शुरू हो चूका है. लोगों के गुस्से को शांत करने के लिए ड्राइवर गिरफ्तार भी हो गया. अब सवाल ये उठता है कि इस हादसे की ज़िम्मेदारी कौन लेगा। चलिए आपको ऐसे ही एक हादसे के बारे में बताते है.

पटना हादसा 

चार साल पहले बिहार की राजधानी पटना में रावण दहन के दौरान एक ऐसा हादसा हुआ था जो पूरे देश के लिए सबक बन गया था. प्रशासन पर उंगली तो केवल प्रदेश में उठी लेकिन शिक्षा पूरा देश लिया। साल 2014 में पटना के गांधी मैदान में रावण दहन के दौरान भगदड़ मचने से 33 लोगों की मौत हो गई थी और 29 लोग घायल हो गए थे. यह दुर्घटना उस समय हुई थी जब लोग रावण दहन के बाद पटना के गांधी मैदान से वापस लौट रहे थे. गांधी मैदान से बाहर निकलती भीड़ में कुछ लोगों ने तेजी से चलने के लिए आवाजें निकालनी शुरू की, हो हल्ला शुरू किया.

इसके बाद एकदम से ऐसी स्थिति पैदा हुई कि लोगों में भगदड़ मच गई. चूंकि वहां लोगों की भीड़ बहुत ज्यादा थी तो एक बार जैसे ही भगदड़ शुरु हुई तो स्थितियां प्रशासन के हाथ से बाहर निकल गईं और इसका परिणाम 33 लोगों की मौत के रूप में सामने आया था. लोगों की उत्साह ने कब एक हादसे का रूप लिया ये किसी को पता नहीं चल पाया।

त्योहार को लेकर उत्साह जायज़ से बात है, लेकिन उत्साह में लापरवाही ये कहा तक जायज़ है!. लोग उत्साह में हज़ारों की तादात में रावण दहन देखने पहुंच गये. जो लोग मैदान तक नहीं पहुंच पाए वे रेलवे ट्रैक पर खड़े हो गए. देखा जाये तो गलती सब की है और नज़र अंदाज़ किया जाये तो किसी की नहीं। रेलवे ट्रैक के पास रावण दहन गलत था, रेलवे ट्रैक के पास खड़े होकर फोटो लेना गलत था, भीड़ को सुरक्षा नहीं देना गलत था. 

Suggested News