SITAMARHI : नॉर्थ बिहार के कुख्यात संतोष झा हत्याकांड मामले में 29 अगस्त, बुधवार को फॉरेंसिक जांच टीम सीतामढ़ी पहुंची। टीम ने कोर्ट परिसर में फैले खून के निशान से नमूने लिए। जिसके बाद टीम ने सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों से पूछताछ की। पूछताछ के क्रम में टीम को जानकारी मिली कि अपराधी तीन की संख्या में थे और कोर्ट परिसर के पीछे की गेट से अंधाधुंध फायरिंग कर रहे थे। टीम ने मौका-ए-वारदात की गहराई से जांच की।
जांच के दौरान टीम ने देखा कि पास में गड़े हैंडपाइप में कुछ फंसा हुआ है। जिसकी पड़ताल के बाद उस हैण्ड पाइप के हेड को खोला गया। खुले हेड में पुलिस को चली गोली के अवशेष मिले, जिसे जांच टीम ने सुरक्षित रखा। इसके बाद जांच टीम के सदस्यगण सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों से गहन पूछताछ की।
बताते चलें कि कुख्यात संतोष झा लेवी वसूलने वाला बिहार का सबसे बड़ा गैंगस्टर था। उसका गिरोह मिथिलांचल का सबसे बड़ा लेवी वसूलने वाला गिरोह था। इसका कारोबार बिहार सहित दूसरे राज्यों और नेपाल तक फैला हुआ था। डर के साये में जी रहा अपराधी संतोष झा सुरक्षा के लिहाज से अपने परिवार को असम में रखता था।
इसने बिहार लिबरेशन आर्मी नाम का संगठन बना रखा था, जो काफी फलफूल रहा था। संतोष झा पहले नक्सली था, बाद में धीरे-धीरे उसने अपने गिरोह का विस्तार किया और उत्तर बिहार का गैंगस्टर बन बैठा। उसने सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, बेतिया, गोपालगंज, दरभंगा आदि जिलों में अपना जाल फैला रखा था और जेल के भीतर से ही अपना गैंग चलाता था।
सीतामढ़ी से आदित्य की रिपोर्ट