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सरकार की दोहरी नीति से आगनबाड़ी सेविका परेशान, संघ ने दी कार्य बहिष्कार की चेतावनी

सरकार की दोहरी नीति से आगनबाड़ी सेविका परेशान, संघ ने दी कार्य बहिष्कार की चेतावनी

Motihari : सरकार के दोहरी नीति व विभागीय दबाव से आंगबाड़ी सेविका मानसिक रूप से परेशान है। बिहार राज्य आगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष समिति अरेराज इकाई अध्यक्ष रेणु देवी ने सरकार से सेविकाओ की प्रताड़ना को रोक लगाने नही तो आंदोलन की चेतावनी दी है। 

संघ का कहना है कि एक ओर सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों के अभिभावकों के खाते में डीबीटी के माध्यम से पोषाहार की राशि भेजने   का निर्देश दे कर सेविकाओ को मानसिक रूप से परेशान कर रही है। तो दूसरी ओर प्रारंभिक विद्यालयों में नामांकित बच्चों के अभिभावकों को 80 दिनों का खाद्यान देने का निर्देश जारी कर रही है। स्कूली बच्चे के परिवर्तन मूल्य की राशि बच्चों के खाते में भेजने का निर्देश भी जारी किया गया है। सरकार की दोहरी नीति समझ मे नही आ रही हैं। कारण की आंगनबाड़ी केंद्रों पर 03 से0 6 वर्ष के नीचे के बच्चे होते है।इनका या इनके अभिभवकों का एकाउंट नंबर आंगनबाड़ी केंद्रों पर नही होता है।फिर भी डीबीटी के माध्यम से राशि भेजने का निर्देश जारी है। 

इनका कहना है कि जबकि विद्यालय के बच्चों के खाते स्कूल में रहता है। पोशाक, छात्रवृति, नपकिंग व पुस्तक की राशि बच्चों के खाते में पूर्ब से भेजी जाती रही है। ऐसे में विद्यालयों के बच्चों का खाता होने के बाद भी खाद्यान अभिभवकों को देने तथा आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों जिनका खाता नम्बर नही है  उनका पोषाहार की राशि डीबीटी करने का निर्देश दोहरी मानसिकता को दर्शाता है।

कोरोना महामारी में सेविकाओ से कन्टेनमेंट जोन में घर घर जाकर बच्चो के आधार व परिजनों के पासबुक नम्बर वसूलने के लिए पदाधिकारियो द्वारा मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है ।जबकि सरकार द्वारा स्कूल में बच्चों के खाता नम्बर होने के बाद भी उन्हें खाद्यान देने की घोषणा की जाती है ।जहाँ आगनबाड़ी केंद्रों पर पहले से नौनिहालों को मिलने वाले खाद्यान को बंद कर डीबीटी करने के चक्कर मे दो माह से पोषाहार भी बंद कर दिया गया है ।सरकार स्कूल के तर्ज पर आगनबाड़ी केंद्र पर भी पोषाहार उपलब्ध नही कराएगी तो सेविका संघ राज्य भर में आंदोलन करेगी।अगर डीबीटी से राशि का भुगतान होगा तो आगनबाड़ी केंद्रों पर न तो बच्चे आएंगे नही केंद्र का संचालन होगा ।

मोतिहारी से हिमांशु की रिपोर्ट

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