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पेरेंट्स द्वारा बच्चा पर गुस्सा करने,मारने और उनपर चीखने चिल्लाने से उनकी मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है बुरा असर, हो सकते है डिप्रेशन और बैचनी का शिकार

पेरेंट्स द्वारा बच्चा पर गुस्सा करने,मारने और उनपर चीखने चिल्लाने से उनकी मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है बुरा असर, हो सकते है डिप्रेशन और बैचनी का शिकार

DESK:  हम प्रायः देखते है जब छोटे बच्चे अपने माता –पिता का बात नहीं सुनते है तो पेरेंट्स अपना गुस्सा बच्चों पर निकल देते है या तो वह उन्हें डांट लगा देते है या उनकी पिटाई कर देते है| इसका बच्चों की दिमाग पर क्या असर पड़ता है इसको लेकर वैज्ञानिकों ने एक शोध जारी किया है जिसमें बताया गया की इसका सीधा असर बच्चों की दिमाग पर पड़ता है |

ऐसे हुई रिसर्च
 रिसर्च में 2 से 9 साल के बच्चों को शामिल किया गया। पेरेंट्स ने डांटने और पीटने के बाद इनके दिमाग की स्कैनिंग की गई। वैज्ञानिकों ने पाया कि बच्चों पर अधिक सख्ती बरतने से इनके दिमाग के उस हिस्से पर असर पड़ा जो इमोशंस को कंट्रोल करते हैं। नतीजा, इससे बेचैनी और डिप्रेशन बढ़ता है।

सख्ती का असर उल्टा पड़ता है
 वैज्ञानिकों का कहना है, दुनियाभर में पेरेंट्स का बच्चों के लिए अधिक सख्ती करना सही नहीं माना गया है , इसका असर उनकी दिमाग पर  उल्टा पड़ता है। उम्मीद है, नई रिसर्च के नतीजे पेरेंट्स की मदद करेंगे और पेरेंट्स बच्चों को बातचीत करके और उन्हें प्यार से कोई चीज समझायेंगे |

बच्चों की इमोशनल विकास में होती है बाधा 

शोधकर्ता के मुताबिक पेरेंट्स को समझने की जरूरत है कि उनकी सख्ती बच्चों के विकास पर कितना बुरा असर डाल सकती है। इसका असर बच्चों को सोशल और इमोशनल डेवलपमेंट पर दिखेगा। 

फ़िलहाल इस समय जब छोटे –छोटे बच्चों में भी कम्पटीशन अधिक बढ़ गया है तो यह इस समय की मांग है की वह उन्हें बात –बात पर न डांटे, उनकी समस्या को ध्यान से सुने और प्यार से किसी भी बात को समझाए ताकि उनकी सही ढंग से विकास होता रहे |


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