DESK. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाई और ‘ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन' (एआईएफपीएसडीएफ) के उपाध्यक्ष प्रह्लाद मोदी ने संगठन की विभिन्न मांगों को लेकर मंगलवार को यहां धरना दिया। प्रह्लाद मोदी और एआईएफपीएसडीएफ के अन्य सदस्य जंतर-मंतर पर एकत्र हुए और नारेबाजी की। प्रह्लाद ने कहा, ‘एआईएफपीएसडीएफ का एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन सौंपेगा, जिसमें हमारे अस्तित्व की खातिर लंबे समय से चली आ रही हमारी मांगों को सूचीबद्ध किया जाएगा। महंगाई और दुकानों को चलाने में आने वाले खर्च में वृद्धि के बीच हमारे मार्जिन में महज 20 पैसे प्रति किलोग्राम की वृद्धि करना एक कूर मजाक है। हम केंद्र सरकार से हमें राहत प्रदान करने और हमारी वित्तीय परेशानियों को दूर करने का अनुरोध करते हैं।'
एआईएफपीएसडीएफ के राष्ट्रीय महासचिव विश्वंभर बसु ने कहा कि वे अपनी नौ सूत्रीय मांगों से संबंधित एक ज्ञापन प्रधानमंत्री को सौंपेंगे। उन्होंने कहा, ‘हमारी बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से भी मिलने की योजना है।’ एआईएफपीएसडीएफ उचित मूल्य वाली दुकानों से बेचे जाने वाले चावल, गेहूं और चीनी के साथ ही खाद्य तेल और दालों पर होने वाले नुकसान के लिए मुआवजे की मांग कर रहा है। उनकी यह भी मांग है कि मुफ्त वितरण के ‘पश्चिम बंगाल राशन मॉडल' को देश भर में लागू किया जाए।
बसु ने कहा, ''हम यह मांग भी करते हैं कि उचित मूल्य वाली दुकानों के माध्यम से खाद्य तेल, दाल और एलपीजी गैस सिलेंडर की आपूर्ति की जाए। ग्रामीण क्षेत्रों की उचित मूल्य की दुकानों के डीलरों को चावल व गेहूं के लिए प्रत्यक्ष खरीद एजेंट के रूप में कार्य करने की अनुमति दी जानी चाहिए। हमारी मांगों को टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने भी संसद में उठाया था।' उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांगों को नहीं मान लिया जाता, तब तक धरना जारी रहेगा।
इस बीच, प्रहलाद मोदी के धरना देने को लेकर विपक्ष के सदस्यों ने केंद्र पर निशाना साधा है । उनके धरना देने पर विपक्ष का कहना है कि यह दर्शाता है कि सरकार की नीतियों से किस प्रकार से आम लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।