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अनिल हेगड़े ने किया राज्य सभा के लिए नामाकंन, सीएम नीतीश ने खोला टिकट देने का राज- क्यों कर्नाटक के आदमी को बिहार से बनाया उम्मीदवार

अनिल हेगड़े ने किया राज्य सभा के लिए नामाकंन, सीएम नीतीश ने खोला टिकट देने का राज- क्यों कर्नाटक के आदमी को बिहार से बनाया उम्मीदवार

पटना. राज्यसभा की एक सीट के लिए 30 मई होने जा रहे उपचुनाव में जदयू उम्मीदवार अनिल हेगड़े ने गुरुवार को नामांकन किया. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू अध्यक्ष ललन सिंह सहित जदयू और भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में अपना नामांकन दाखिल किया. चुकी उपचुनाव में विपक्षी दलों की ओर से किसी को उम्मीदवार नहीं बनाया गया है इसलिए अनिल हेगड़े का निर्विरोध निर्वाचन तय है. वहीं कर्नाटक मूल के अनिल को बिहार से राज्य सभा भेजने के निर्णय पर सीएम नीतीश ने राज खोला है. 

दरअसल कर्नाटक के उडुपी निवासी अनिल हेगड़े को बिहार से राज्यसभा भेजने के जदयू के निर्णय ने सबको चौंका दिया. हालांकि नीतीश कुमार ने गुरुवार को पार्टी के इस फैसले का राज खोला. मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अनिल हेगड़े हम सब लोगों के उम्मीदवार हैं. इन्होंने जॉर्ज फर्नांडिस के साथ बचपन से ही काम किया. फिर जदयू से जुड़कर लगातार काम करते रहे. कभी भी अनिल हेगड़े ने कोई इच्छा प्रकट नहीं की कि उन्हें कुछ मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि जॉर्ज फर्नांडिस के नेतृत्व में हम सब लोग काम करते रहे. जब जॉर्ज फर्नांडिस नहीं रहे तब भी हेगड़े पार्टी के लिए काम करते रहे. इसलिए इस बार हमलोगों के मन में रहा कि इनको एक अवसर मिलना चाहिए. लेकिन इनकी कोई व्यक्तिगत इच्छा नहीं रही. ये शुरू से ही काम करते रहे. डंकल के मामले में इन्होने लगातार काम किया. सीएम नीतीश ने साफ किया कि यह पार्टी के सभी लोगों की इच्छा थी कि अनिल हेगड़े को मिलना चाहिए न कि यह कोई सीएम नीतीश की व्यक्तिगत इच्छा थी.


दरअसल जदयू के किंग महेंद्र के निधन के कारण राज्यसभा की यह सीट दिसम्बर 2021 से ही खाली है. नामांकन की गुरुवार को अंतिम तिथि रही और नामांकन वापसी की तिथि 23 मई तक है. उपचुनाव के लिए 30 मई को मतदान होना है. लेकिन यह उस स्थिति में होगा जब एक से ज्यादा उम्मीदवार होंगे. 

कर्नाटक के रहने वाले अनिल हेगड़े कई दशकों से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निकटस्थ रहे हैं. वे जदयू के शुरुआती दौर से ही पार्टी के संगठन के लिए काम करते रहे हैं. यह पहला मौका होगा जब अनिल किसी सदन के सदस्य बनेंगे. वे आज तक कभी भी विधायक या सांसद नहीं बने हैं.  अनिल हेगड़े लंबे समय तक जॉर्ज फर्नांडिस के साथ भी रहे और 38 वर्षों तक लगातार एक कार्यकर्ता के रूप में भूमिका निभाई है. डंकल प्रस्ताव पर हस्ताक्षर के विरोध में 5150 दिनों तक लगातार दिल्ली में प्रतीकात्मक विरोध कार्यक्रम आयोजित करते रहे. राज्य सभा के लिए निर्वाचित होने के बाद अनिल हेगड़े का कार्यकाल 2 अप्रैल 2024 तक होगा.

नामांकन के दौरान सीएम नीतीश के आलावा, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, मंत्री अशोक चौधरी, भाजपा से उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, रेणु देवी, मंत्री मंगल पांडेय, शाहनवाज हुसैन सहित दोनों दलों के दर्जनों नेता मौजूद रहे. 


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