PATNA: बिहार प्रशासनिक सेवा संघ ने ऐलान किया है कि अब वरीय अधिकारियों के कोई भी मौखिक आदेश नहीं माना जाएगा.बासा ने नवादा के सदर एसडीओ के निलंबन के बाद यह निर्णय लिया है.बासा की आज बैठक हुई और बैठक में कई बिंदुओं पर विचार किया गया.
बिहार प्रशासनिक सेवा संघ ने कहा है कि नवादा एसडीओ के निलंबन के बाद हम लोगों ने सरकार से कई मांगे की थी, लेकिन कुछ दिनों से बिहार में कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की संख्या में अचानक वृद्धि हो रही है, तथा हमलोगों के मुद्दे पर सरकार की सकारात्मक सोच की अपुष्ट जानकारी प्राप्त हुई है.
इसके बाद आज इस पर गहन विचार विमर्श किया गया और संघ की केंद्रीय कार्यकारिणी ने निम्नलिखित निर्णय लिए हैं.समाप्ति के उपरांत आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी. लॉक डाउन समाप्त होने पर किसी एक दिन गांधीवादी सांकेतिक प्रतिकार दिवस मनाया जाएगा.
नवादा में वरीय पदाधिकारी द्वारा अपने मौखिक आदेश से स्पष्ट तरीके से मुकरने, वरीय पदाधिकारियों की सेवा मूल्यों में आई गिरावट, इनके स्टील फ्रेम से रबर फ्रेम तक की यात्रा के आलोक में इनके किसी मौखिक आदेश को भविष्य में नहीं मानने का अभियान चलाया जाएगा.साथ हीं बिहार प्रशासनिक सेवा संघ न्यायिक राहत के लिए पटना उच्च न्यायालय में वाद दायर करने की कार्रवाई करेगी.