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मोतिहारी DM का एक और बड़ा एक्शन, पत्नी के नाम 'चाहत एक पहल' संस्था चलाने वाले स्वास्थ्य लेखा प्रबंधक के खिलाफ जांच के लिए बनाई टीम

मोतिहारी DM का एक और बड़ा एक्शन, पत्नी के नाम 'चाहत एक पहल' संस्था चलाने वाले स्वास्थ्य लेखा प्रबंधक के खिलाफ जांच के लिए बनाई टीम

PATNA: मोतिहारी के स्वास्थ्य महकमें में चहुंओर लूट मची है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मी  सरकारी राशि को डकारने की हर मुमकिन कोशिश करते हैं। इसमें कई ऐसे लोग हैं जो सालों से लाभ लेते आ रहे हैं। अब एक ऐसे ही मामले का खुलासा हुआ है। मोतिहारी के जिला स्वास्थ्य समिति के जिला लेखा प्रबंधक आशुतोष चौधरी पर सनसनीखेज आरोप लगे हैं। आरोप की गंभीरता को देखते हुए डीएम ने तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर दी है।

DAM की पत्नी चलाती है चाहत एक पहल

मोतिहारी स्वास्थ्य समिति के जिला लेखा प्रबंधक आशुतोष चौधरी पर आरोप है कि वे अपनी पत्नी के नाम पर एनजीओ चलाते हैं। वे अपने पद का दुरूपयोग कर उसी एनजीओ से स्वास्थ्य विभाग में कई सेवा लेते हैं।डीएम के पत्र में कहा गया है कि शिकायतकर्ता ने उल्लेख किया है कि जिला लेखा प्रबंधक आशुतोष चौधरी पत्नी के नाम पर संचालित संस्था ''चाहत एक पहल'' के नाम से किए गए भुगतान की जांच कराई जाये। साथ ही इनके अन्य सर्जिकल सप्लायर के द्वारा बालू गिट्टी एवं फर्नीचर की आपूर्ति संबंधी मामले की जांच कराई जाए।  आरोप है कि इन सभी कंपनी और एनजीओ में लेखा प्रबंधक की पत्नी सीधी जुड़ी हुई हैं। लिहाजा जांच आवश्यक है। 

3 दिनों में जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश 

डीएम के पास जब यह शिकायत पहुंची इसके बाद उन्होंने आज 3 सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी है. डीएम ने जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, सिविल सर्जन और प्रभारी पदाधिकारी जिला विकास शाखा को जांच टीम में रखा है. डीएम ने अपने आदेश में कहा है कि 3 दिनों के अंदर तमाम बिंदुओं की जांच कर रिपोर्ट समर्पित करें. बता दें कि पिछले महीने ही न्यूज4नेशन ने खुलासा किया था कि सर्जिकल कंपनी से गिट्टी बालू और पलंग की सप्लाई ली गई। बताया जाता है कि जिस कंपनी ने सरकारी अस्पतालों में सप्लाई दी उसमें भी लेखा प्रबंधक की पत्नी प्रत्यक्ष या अपरोक्ष रूप से जुड़ी हैं। अब डीएम ने जांच टीम गठित कर दी है। लिहाजा जिस तरह के गंभीर आरोप हैं उसमें फंसना तय माना जा रहा। 

पहले भी टैब घोटाला करने के लगे थे आरोप

वैसे बता दें,जिला स्वास्थ्य समिति में पिछले 2019 में टैब घोटाला हुआ था। इसमें भी जिला स्वास्थ्य समिति के लेखा प्रबंधक पर गंभीर आरोप लगे थे। राज्य स्वास्थ्य समिति ने इस संबंध में जांच भी कराई गई। लेकिन जांच के नाम पर खानापूर्ति की गई। जांच में क्या हुआ यह जानकारी किसी के पास नहीं। 

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