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RCP के समर्थकों को JDU के दूसरे गुट ने दिया करारा जवाब,कहा- अब नहीं चलने वाली है 'दलाली', नीतीश कुमार के सड़क पर संघर्ष के दौरान तुम और तुम्हारे नेता कहां थे?

RCP के समर्थकों को JDU के दूसरे गुट ने दिया करारा जवाब,कहा- अब नहीं चलने वाली है 'दलाली', नीतीश कुमार के सड़क पर संघर्ष के दौरान तुम और तुम्हारे नेता कहां थे?

PATNA: जेडीयू में नंबर दो की हैसियत रखने वाले आरसीपी सिंह का पत्ता साफ हो गया है। इस बार नीतीश कुमार ने तीसरी दफे राज्यसभा भेजने से साफ मना कर दिया। आने वाले दिनों में अब केंद्रीय मंत्री का पद भी छोड़ना पड़ सकता है। आरसीपी सिंह का पत्ता साफ किये जाने से उनके समर्थक बौखलाये हुए हैं। फेसबुक पर तरह-तरह के अभियान चलाये जा रहे हैं। दूसरे पक्ष की तरफ से अब आरसीपी सिंह के समर्थकों को करारा जवाब देने का सिलसिला शुरू हो गया है। जेडीय़ू के प्रदेश सचिव ने आरसीपी सिंह व उनके खास लोगों पर करारा प्रहार किया है। साथ ही एक साथ दर्जनों प्रश्न पूछकर खुली चुनौती दे दी है।

आरसीपी के खास समर्थक के बहाने केंद्रीय मंत्री पर निशाना 

बिहार जेडीयू में सबकुछ ठीक नहीं है। दल के अंदर नेता से लेकर कार्यकर्ता तक दो धड़े में बंटे दिख रहे हैं। हालांकि अब आरसीपी गुट में अब उनके समर्थकों की संख्या लगातार घटती जा रही है। वैसे ही लोग अब आरसीपी सिंह का झंडा बुलंद किये हुए हैं तो प्रकोष्ठ से हटा दिये हैं या फिर आरसीपी सिंह ने अपने मंत्रालय या कहीं अन्य जगहों पर सेट किया हो। आरसीपी सिंह की कृपा से उनके मंत्रालय में हिंदी सलाहकार समिति की सदस्य बनाई गई डॉ.रिंकू कुमारी इन दिनों लगातार राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह व अन्य प लगातार प्रहार कर रही है। इसके अलावे कई अन्य समर्थक हैं जो आरसीपी सिंह के समर्थन में अभियान चला रहे हैं। इसी की जवाब जेडीयू के प्रदेश सचिव व उपेन्द्र कुशवाहा के करीबी माने जाने वाले हिंमाशु पटेल ने दिया है। 

दिल्ली में बैठ कर सत्ता की दलाली करो-जेडीयू सचिव

जेडीयू के प्रदेश सचिव ने फेसबुक पोस्ट कर आरसीपी सिंह के समर्थकों पर बड़ा हमला बोला है। कहा है कि बहुत हो चुका...लोकतंत्र की मर्यादा होती है.जब मर्यादा तार-तार होती है तो एक राजनीतिक कार्यकर्ता होने के नाते बोलना ही पड़ता है . जेडीयू प्रदेश सचिव ने आरसीपी सिंह के खास समर्थक माने जाने वाले डॉ. रिंकू कुमारी पर प्रहार किया है और कहा है कि तुम लोग दिल्ली में बैठकर सत्ता का दलाली करते हो। तुमको क्या पता कि बिहार के मुख्यमंत्री के पद पर नीतीश कुमार कैसे आसीन हुए। 1994 से 2005 तक नीतीश कुमार सड़क पर संघर्ष कर रहे थे तब कहां थे तुम और तुम्हारे नेता? तुम्हारे नेता सत्ता के भागीदार रहे हैं संघर्ष के नहीं। 

तुम्हारे नेता माला खरीदकर पहनते थे

हिंमाशु पटेल ने पूछा कि तुम जदयू के सदस्य कब बने हो? सच्चाई यही है कि तुम जदयू के चवनिया मेंबर भी नहीं हो। जिस काम में तुम और तुम्हारा परिवार लगा है वही काम करो। तुम्हारे नेता को जब नीतीश कुमार ने भरोसा करके संगठन का जिम्मा दिया . जहां जाते थे वहां पहले माला और पैसा भेजते थे। इस पार्टी का यह संस्कार कभी नहीं रहा है। पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता श्रद्धा से नेता को माला पहनाते हैं और तुम्हारे नेता तो अपने माला खरीद कर पहनते हैं। ऐसे दलालों और सत्ताधारी दल के कार्यकर्ताओं की वजह से पार्टी को जहानाबाद के उपचुनाव में 36000 वोटों से हरवाए थे। तुम्हारे नेता राष्ट्रीय महासचिव संगठन थे और पार्टी के किन-किन उम्मीदवारों को हराने के लिए जो प्रयास किए इसकी सूची तुमको भेज दें? नीतीश कुमार ने जिम्मा दिया था और उसी थाली में छेद कर के कमजोर कर रहे थे। तुम लोगों का दिन लद गया अब ज्यादा दिन दलाली नहीं चलने वाली है। नीतीश कुमार ने सही समय पर सही जगह पहुंचा दिया है।

अब नहीं चलने वाली है दलाली

फरवरी 2010 तक ललन सिंह बिहार प्रदेश अध्यक्ष थे. 2010 के चुनाव में नीतीश कुमार जी को 116 सीटें मिली थी। ललन सिंह के प्रदेश अध्यक्ष कार्यकाल में ही बिहार में एक-एक कार्यकर्ता को सम्मान मिला. बीसूत्री कमिटी, सप्लाई कमेटी, आपूर्ति और स्वास्थ्य विभाग की कमेटी में सदस्य बनकर लोग सम्मानित हुए। उसके बाद से आज तक ऐसा नहीं हुआ, क्योंकि मुख्यमंत्री के कहने के बाद भी तुम्हारे नेता अड़ंगा डालते रहे। पार्टी में दो तरह के कार्यकर्ता है। समर्पित कार्यकर्ता और सत्ताधारी दल के कार्यकर्ता। समर्पित कार्यकर्ता नीतीश कुमार जी के साथ हैं और सत्ताधारी दल के कार्यकर्ता तुम्हारे नेता के साथ हैं, जिनकी अब दाल नहीं गलने वाली है.

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