PATNA : क्या बिहार में सरकारी योजनाएं लूट के लिए ही बनती हैं ? योजना लागू होते ही अधिकारी-माफिय़ा गठजोड़ की गिद्ध दृष्टि उस पर पड़ जाती है, और सरकारी राशि की बंदरबांट शुरू हो जाती है। बिहार सरकार ने बच्चों के बीच गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बहाल करने के लिए सभी हाईस्कूल मे प्रयोगशाला की सुविधा बहाल करने का निर्णय लिया था। इसके लिए सभी 6000 हाईस्कूलों और प्लस टू विद्यालयों के लिए 220 करोड़ की राशि जारी की। विभाग ने निर्देश दिया की सरकारी नियमानुसार या GEM ( गवर्नमेंट ई मार्केट) के माध्यम से उपकरणों की खरीदारी हो। लेकिन इस योजना में बडे पैमाने पर ग़ड़बडी हुई है। सरकारी पैसे की लूट में नीचे से लेकर ऊपर तक के अधिकारी शामिल हैं। आंतरिक जांच में इसकी पुष्टि भी हुई है। इसके बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने 14 अगस्त को सभी DEO-DPO को जांच के आदेश दिए हैं।
क्या है योजना
राज्य सरकार ने प्रति हाईस्कूल 3 लाख की दर से 4 हजार हाईस्कूलों में प्रयोगशाला उपकरण के लिए 120 करोड़ की राशि दी थी। वहीं प्लस टू विद्यालय में 5 लाख की दर से 2 हजार विद्यालयों में लेबोरेट्री के लिए 100 करोड़ की राशि दी गई। सरकार ने निर्देश दिया की GEM या बिहार वित्त नियमावली 2016 के माध्यम से खरीदारी हो। साथ ही क्वालिटी उच्च गुणवत्ता वाली हो। इसके लिए शिक्षा विभाग ने उपकरण किस कंपनी का हो इसका भी दिशानिर्देश जारी कर दिया। इसके के लिए एक कमेटी भी गठित कर दी गई है। कमेटी में स्कूल के प्रिंसिपल,विज्ञान शिक्षक और एक वरीय शिक्षक को जगह दी गई।
सरकारी गाइडलाइन को किया किनारे
सरकारी अधिकारियों और स्कूल के शिक्षकों ने मिलकर सरकारी गाइडलाइन को दरकिनार कर स्थानीय माफियाओं से मिलकर लेबोरेट्री के लिए उपकरणों की खरीदारी की। जिन स्कूलों में खरीदारी हुई है उनमें अधिकांश जगहों पर वित्तीय नियमावली का उल्लंघन किया गया। GEM के माध्यम से खरीदारी नहीं की गई। साथ ही मानक का भी ख्याल नही रखा गया है । स्टैंडर्ड की जगह सबस्टैंडर्ड सामान की सप्लाई की गई है। सरकार की तरफ से गठित पर्चेज कमेटी में विज्ञान शिक्षक को दूर ऱखकर खरीदारी की बात सामने आ रही है । वहीं जिलास्तर पर जिम्मेदार अधिकारी DPO ने लेखा-योजना गाइडलाइन पालन कराने में दिलचस्पी नहीं ली। कई ऐसे स्कूल हैं जहां अभी तक उपकरणों की खरीदारी नहीं हो पायी है।
मुजफ्फरपुर के शिक्षा उपनिदेशक ने पकड़ी गड़बड़ी
पूरे बिहार से इस योजना मे भारी गड़बड़ी की बात सामने आ रही है । मुजफ्फरपुर के शिक्षा उपनिदेशक ने तो गड़ब़ड़ी पकड भी ली है । आरडीडी की जांच में बड़े स्तर पर गड़बड़ी की बात सामने आई है। आरडीडी ने संबंधित जिलों के अधिकारी को कार्रवाई के लिए भी पत्र भेजा है । उपनिदेशक ने बताया कि सरकारी राशि का जमकर दुरूपयोग किया गया है । उन्होंने कई स्कूलो मे जांच की है जहाँ पर बड़े स्तर पर गडबड़ी की गई है। कहीं भी मानक का पालन नही किया गया है।
शिक्षा निदेशक ने पूरे बिहार में जांच के दिए आदेश
सूबे के कई जिलों मे मिल रही शिकायत के बाद बिहार माध्यमिक शिक्षा के निदेशक ने जांच के आदेश दिए हैं। निदेशक ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को जाँच कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। अगर इस मामले की सही तरीके से जांच हुई तो सैकड़ों की संख्या में शिक्षक, जिला स्तरीय अधिकारी और सप्लायर फंस सकते हैं।