SAMASTIPUR : जिले में कोरोना की रफ्तार दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ती जा रही है. लेकिन लापरवाह बने जिला प्रशासन के कारण भी सीधे सीधे कोरोना बढ़ाने में मददगार साबित हो रही है. ये हम नही सरकारी नुमाइंदे अपना दर्द व्या कर रहे है. व्यवहार न्यायालय में बिथान थाना क्षेत्र के एक अपराधी आत्मसमर्पण किया. पुलिस कोविड जांच के लिए उसे अस्पताल ले गयी.
लेकिन वहां दोपहर बाद जांच नही होने के कारण कैदी को स्टेशन ले जाया गया. जांच के दौरान कैदी कोरोना पोजेटिव निकला. कैदी को पॉजिटिव निकलते ही कोर्ट परिसर में हड़कंप मच गया. राज्य सरकार के गाइड लाइन के मुताबिक न्यायालय परिसर में कैदी को कोरोना निकलता है तो उसके लिए 24/7 मेडिकल टीम की व्यवस्था की गई है. लेकिन कैदी को कोरोना पॉजिटिव निकलने के बाबजूद भी मेडिकल टीम या डॉक्टर नही पहुंचे. जिसके लिए न्यायालय हाजत गार्ड मेडिकल टीम से लेकर अपने वरीय अधिकारियों को फोन किया.
लेकिन उसका कोई असर नही दिखा. ना जेल ले जाने के लिए मेडिकल टीम की व्यवस्था की गई ना ही कोई गार्ड ले जाने को तैयार हुआ. न्यायालय परिसर में पदस्थापित गार्ड सकते में है. मीडिया कर्मी के पहुचने के घण्टो बाद आखिरकार एम्बुलेंस मिला और कैदी को जेल भेजा गया. बहरहाल जिस गार्ड ने आत्मसमर्पण अपराधी को जांच के लिए ले गया. उसके जान की कीमत को जिला प्रशासन कौड़ी के भाव मे इस्तेमाल कर रही है.
समस्तीपुर से संजीव तरुण की रिपोर्ट