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स्थापना दिवस के मौके पर एपवा ने गया में किया प्रदर्शन, नीतीश सरकार पर जमकर साधा निशाना

स्थापना दिवस के मौके पर एपवा ने गया में किया प्रदर्शन, नीतीश सरकार पर जमकर साधा निशाना

GAYA : स्थापना दिवस पर आज महिला संगठन ऐपवा ने गया शहर में प्रदर्शन करते हुए मार्च निकाला। महिलाओं का मार्च गांधी मैदान से निकलकर समाहरणालय होते हुए टावर चौक तक गया। जहां एक सभा का आयोजन किया गया। सभा को संबोधित करते हुए ऐपवा गया जिला सचिव रीता वर्णवाल ने कहा की मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड की घटना अभी हम भूले भी नहीं है कि एक बार फिर पटना गायघाट रिमांड होम कांड सामने है। इस कांड पर महिला संगठन ऐपवा ने तुरंत पहल की और सभी महिला संगठनों को एकजुट कर न्यायिक जांच की मांग की। पटना हाईकोर्ट ने इस घटना का स्वत: संज्ञान लिया है जो स्वागत योग्य है। लेकिन हम बिहार सरकार से मांग करते हैं कि हाईकोर्ट के सिटिंग जज की अध्यक्षता में इस मामले की जांच कराई जाए। उन्होंने कहा की लगभग 16 साल से बिहार में भाजपा-जदयू की सरकार विकास का ढोल पीट रही है। लेकिन सरकारी आंकड़ों के अनुसार बिहार अभी भी देश का सबसे पिछड़ा राज्य बना हुआ है और यहां महिलाएं भेदभाव और उत्पीड़न झेल रही हैं। इसलिए अब बिहार के मुख्यमंत्री को समाज सुधार अभियान चलाना पड़ रहा है।

वर्णवाल ने कहा की हम मुख्यमंत्री से पूछना चाहते हैं कि अगर गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, हिंसा बढ़ती रहेगी। अगर स्कूल, अस्पताल, आंगनबाड़ी केंद्र बदहाल रहेंगे। अगर गरीब घर की बेटियों, वृद्धा, विधवा महिलाएं उपेक्षित रहेंगी तो समाज सुधार का बैनर लगाने या उपदेश देने से क्या होगा? बाल विवाह रोकना है तो प्रचार पर खर्च के बदले लड़कियों के स्कूल-कॉलेज के इंतजाम पर पैसा खर्च कीजिए। अपराधियों और तस्करों पर रोक लगाइए। हमलोगों ने आसाराम बापू, राम रहीम जैसे धर्म गुरुओं को देखा है जो किस तरह लड़कियों पर बलात्कार करते थे। आज इनके ही तरह के नए-नए धर्मगुरु सामने आ रहे हैं जो धर्म सभा के नाम पर कभी कहते हैं हिंदू औरतें पांच बेटा पैदा करें। 'वह हिंदू औरत जिसका एक बेटा है, वह नागिन है' तो कभी 'मुसलमानों के जनसंहार' का नारा देते हैं। हमें ऐसे धर्म गुरुओं और इनके संरक्षक नेताओं से सावधान रहना चाहिए। देश के संविधान ने हमें न्याय, बराबरी और आजादी का अधिकार दिया है। 12 फरवरी ऐपवा स्थापना दिवस के अवसर पर हम घोषणा करते हैं कि सभी धर्म की हम महिलाएं आपस में बहने हैं।

इस मौके पर एपवा की ओर से कई मांग की गयी। जिसमें कहा गया की गायघाट रिमांड होम कांड की न्यायिक जांच कराई जाए। शिक्षा अधिकार कानून का विस्तार करो, उम्र सीमा 14 वर्ष से बढ़ाकर 18 वर्ष करो. केजी से पीजी तक छात्राओं को मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करो। महंगाई पर रोक लगाओ। रसोई गैस की कीमत प्रति सिलेंडर ₹500 फिक्स करो। सभी गरीबों को राशन दो, राशन में दाल और खाद्य तेल शामिल करो। हर पंचायत में दवा और डॉक्टर का इंतजाम करो।विधवा, वृद्धा और विकलांग पेंशन की न्यूनतम राशि ₹1000 करो। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को नियमित रोजगार दो। सभी स्कीम वर्कर्स को सरकारी कर्मचारी घोषित करो। धर्म संसद के नाम पर हिंसा और नफरत फैलाने वाले लोगों के खिलाफ कारवाई करो। महिलाओं के संविधानप्रदत्त अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करो। रेलवे समेत सभी विभागों के खाली पदों पर तत्काल नियुक्ति करो। कार्यक्रम का नेतृत्व ऐपवा जिला सचिव रीता बर्णवाल, बबीता देवी,पुनम कुमारी,सोनी कुमारी,अंजली देवी,अजमेरी खातुन गुडिया देवी,मुन्नी देवी,हेमंती देवी,पिंकी बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ के अध्यक्ष विभा भारती ,प्रतिमा देवी,मानो देवी आदि ने किया।

गया से मनोज कुमार की रिपोर्ट

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