ARARIA: जिले के नरपतगंज पुलिस अपराध व अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए दावे तो तमाम किए जा रहे हैं, लेकिन हकीकत इसके ठीक विपरीत है। जिला पुलिस 'ऑपरेशन तमंचा' या फिर एक साल में अपराध में संलिप्त बदमाशों के डोजियर भरवाने जैसे अभियान चलाकर छिटपुट बदमाशों पर तो शिकंजा कसकर अपनी पीठ थपथपा रही है, लेकिन शहर के कई चर्चित हत्याकांडों को सालों बीत जाने के बाद भी सुलझा नहीं पाई है। पुलिस इन मामलों में नामजद आरोपियों को भी गिरफ्तार नहीं कर सकी। ढिलाई का आलम यह है कि आज भी इन मामलों में न्याय की उम्मीद लिए परिजन पुलिस अधिकारियों से शिकायती पत्र लेकर दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।
5 दिसम्बर 2020 को सुपौल जिले के जदिया थाना क्षेत्र अन्तर्गत कोरियापपट्टी पूरब निवासी मोहम्मद कामील के पुत्र मोहम्मद रेहान की हत्या कर दी गई थी। मामले में भाई ने अररिया एसपी से न्याय की गुहार लगाई थी। पुलिस का कहना है कि दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं इस संबंध में सवाल करने पर नरपतगंज थाना प्रभारी भड़क गए और कह दिया कि आप होते कौन है पूछने वाले? आप एसपी या डीएसपी हैं क्या ? इस मामले में परिजनों ने गांव के ही मोहम्मद सुल्ताना और विपिन यादव समेत पांच लोगों आरोप लगाया। आज वारदात को करीब 7 महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस हत्यारोपियों की गिरफ्तारी नहीं कर पाई। परिजनों का आरोप है कि पुलिस की जांच शुरू से ही शिथिल रही। पुलिस ने आरोपियों को थाने बुलाकर साथ बैठते हैं और आरोपी खुलेआम घूम रहें हैं।
डीजीपी साहब आपकी पुलिस की करतूत देखिए, जब मामले की जानकारी के लिए जब पत्रकार फोन आपके पुलिस को करता है तो आपकी पुलिस कहते हैं आप कौन है पूछने वाले, जबकि अररिया डीएसपी फोन तक नही रिसिव करते हैं। आखिर कब परिजनों को न्याय मिलेगा?