DARBHANGA : पूर्व सांसद रंजीत रंजन ने जातीय जनगणना के मामले में विपक्ष को नसीहत दी है कि वह राजनीतिक फायदे के लिए इस मुद्दे को न उठाए। साथ ही उन्होंने इस मामले में केंद्र की मोदी सरकार की नीयत पर भी सवाल खड़े किए। दरभंगा में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए पूर्व सांसद ने कहा कि जातीय जनगणना के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आगे बढ़ना है। उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार से कहा कि उनकी नीयत साफ है तो जातीय जनगणना जरूर कराई जानी चाहिए। उन्होंने नीतीश कुमार का नाम लिए बिना कहा कि अगर एक गठबंधन से दूसरे गठबंधन में जाने के लिए इस मुद्दे को उठाया जा रहा है तो यह गलत है और इसका किसी को लाभ नहीं होगा। वहीं, उन्होंने सरकारी संपत्ति के निजीकरण पर केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की।
रंजीत रंजन ने कहा कि बिहार, उत्तर प्रदेश और उड़ीसा जैसे राज्यों में पिछड़ी जातियों और दलितों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि खासतौर पर बिहार के नेताओं ने इस मुद्दे को काफी पहले से उठाया है। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना से समाज को लाभ होगा इसलिए इसे जरूर कराया जाना चाहिए।
कॉरपोरेट कंपनियों के लिए काम कर रही है मोदी सरकार
वहीं, सरकारी कंपनियों, पुरातात्विक भवनों और सड़कों तक को निजी क्षेत्र को दिए जाने के मुद्दे पर उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार की जमकर आलोचना की। रंजीत रंजन ने कहा कि वह दिन भी आएगा जब मालूम भी नहीं होगा और आपको बेच दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश के लोगों ने जिस प्रधानमंत्री को चुना है उनका फर्ज है कि वे अपने घर को बचा कर रखें। लेकिन भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री देश की संपत्ति को निजी हाथों में देकर खजाना भरने का दावा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ बड़े कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा है और इससे देश को बड़ा नुकसान होगा।