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अरेराज अनुमंडलीय अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल, मात्र एक चिकित्सक के भरोसे चलता है ओपीडी

अरेराज अनुमंडलीय अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल, मात्र एक चिकित्सक के भरोसे चलता है ओपीडी

MOTIHARI : स्वास्थ्य विभाग आमलोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने का जितना भी दावा कर लें।लेकिन धरातल की स्थिति कुछ अलग ही बयाँ कर रहा है। मोतिहारी जिला के अरेराज अनुमंडलीय अस्पताल की स्थिति बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था की घोषणा की पोल खोलने के लिए काफी है। अस्पताल की स्थिति इतना बदहाल है कि एक शिशु रोग विशेषज्ञ के सहारे ओपीडी में 83 मरीजो का इलाज किया जाता है। जबकि भीड़ होने के कारण पुर्जा कटकर एक दर्जन मरीज वापस हो जाते है। वही अनुमंडलीय अस्पताल होने के बाद भी न गैस का दवा है, न ही दर्द का दवा। बच्चों के लिए मात्र दो प्रकार का दवा ही अस्पताल में उपलब्ध है। डाक्टर से दिखाने के बाद दवा के लिए  प्राइवेट दुकानों पर मरीज भटकते रहे। वही दाँत की बीमारी का इलाज कराने आये 15 मरीज को बच्चा के डाक्टर से दिखाकर संतोष कर वापस जाना पड़ा।अनुमंडलीय अस्पताल पर लगभग दो विधानसभा क्षेत्र के 5 लाख लोगों के स्वास्थ्य के लिए एकमात्र सहारा है। सरकार व प्रशासन के आदेश के बाद भी भवन व आवास होने के बाद भी अस्पताल उपाधीक्षक से लेकर डाक्टर तक मुख्यालय में नही रहकर 30 किलोमीटर दूर रहते है ।

बताते चलें की अनुमंडलीय अस्पताल होने के बाद भी ओपीडी में 33 प्रकार की दवा में मात्र 24 प्रकार की दवा ही उपलब्ध है। ओपीडी मात्र एक चिकित्सक के सहारे चलता है। गुरुवार को ओपीडी में डाक्टर से दिखने के लिए 106 मरीज अपना पुर्जा कटाये। मात्र ओपीडी में एक डॉक्टर होने के कारण भीड़ होने से 21 मरीज बिना दिखाए ही वापस हो गए। वही 86 मरीजो का इलाज ओपीडी में उपस्थित बच्चा रोग विशेषज्ञ डॉ मनीष कुमार द्वारा किया गया। 14 मरीज दाँत की बीमारी का इलाज कराने आए थे । लेकिन अस्पताल में दाँत का डाक्टर उपस्थित नही रहने के कारण बच्चा के डाक्टर से ही दिखाकर वापस जाना पड़ा। ओपीडी में दिखाए मरीज अस्पताल में दवा नही होने से प्राइवेट दुकानों पर खरीदने के लिए मजबूर दिखे। 

दवा वितरण केंद्र पर बताया गया कि अस्पताल में बच्चा के लिए मात्र अज़ीथ्रोमिसिन व मेट्रोनिडाजोल सिरप छोड़ कर कोई दवा उपलब्ध नही है। वही जेनरल मरीजो के लिए कोई दर्द ,कफ सिरप,सेटरिजिन ,गैस,मेट्रोनिडाजोल सहित कई दवा उपलब्ध नही है। अस्पताल में डाक्टर से दिखने आये मरीजो में अधिक सर्दी खांसी,पेट में गड़बड़ी का ही मरीज आए थे। ओपीडी में उपस्थित डॉ मनीष कुमार ने बताया कि अस्पताल में रोस्टर नहीं होने के कारण अकेला 72 घंटा से डियूटी पर है। वही अस्पताल प्रबंधक डॉ कमल कुमार ने बताया कि अस्पताल उपाधीक्षक की गाड़ी खराब हो जाने के कारण अस्पताल नही आए है। अस्पताल के 5 डाक्टर प्रतिनियुक्ति पर है। तीन डाक्टर ज्वाइनिंग के बाद से अस्पताल आए ही नही है। डाक्टर की कमी के कारण एक डॉक्टर से ही ओपीडी का कार्य लिया जा रहा है। अस्पताल उपाधीक्षक डॉ उज्वल कुमार से इस संबंध में जानकारी के लिए मोबाइल पर सम्पर्क किया गया। लेकिन फोन नही उठाने के कारण संपर्क नही हो सका। 

मोतिहारी से हिमांशु की रिपोर्ट 

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