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IPS अरविंद पांडेय का कविता प्रहार- जब दुष्ट भेड़िए मिलजुल कर षड्यंत्र करें ...नाम श्रवण कर दुष्टों में भय पलता है

 IPS अरविंद पांडेय का कविता प्रहार- जब दुष्ट भेड़िए मिलजुल कर षड्यंत्र करें ...नाम श्रवण कर दुष्टों में भय पलता है

पटनाः बिहार सरकार ने 23 साल पुराने एक मामले में कार्रवाई करते हुए बिहार कैडर के वरिष्ठ IPS अधिकारी अरविंद पांडेय के ऊपर बड़ी कार्रवाई की है. नीतीश सरकार ने सीनियर आईपीएस अधिकारी के खिलाफ इस मामले में एक्शन लेते हुए उनकी सैलरी प्रमोशन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया है. वहीं दो बार के सैलरी इंक्रीमेंट का लाभ से भी उन्हें वंचित रखा जाएगा. वर्तमान में अरविंद पांडेय बिहार के सिविल डिफेंस के डायरेक्टर जनरल  के पद पर सेवारत हैं. इतने साल बाद कार्रवाई होने पर अब सवाल खड़े होने लगे हैं कि क्या डीजीपी पद की रेस से बाहर करने की साजिश तो नहीं ? इधर,अरविंद पांडेय ने कविता के माध्यम से कड़ा प्रहार किया है।

23 साल बाद बंद मामले को खोलने पर राजनीति तेज

बिहार के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अरविंद पांडेय पर की गई कार्रवाई के बाद राजनीति तेज हो गई है। मुख्य विपक्षी राजद ने इस कार्रवाई को दुर्भावना से प्रेरित बताया है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी अरविन्द पाण्डेय पर की गई कार्रवाई को दुर्भावना से प्रेरित बताते हुए इसकी तीखी आलोचना की है। 

अरविंद पांडेय का कविता प्रहार!

इधर वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अरविंद पांडेय ने अपने फेसबुक पेज पर कविता की चार पंक्तियां शेयर की है। हालांकि उसमें किसी मामले का उल्लेख नहीं है लेकिन कहीं न कहीं बिना नाम लिये अरविंद पांडेय ने बड़ा प्रहार किया है।उन्होंने लिखा है-आहट पाकर जब जब शृगाल ज्वरग्रस्त दिखें.जब दुष्ट भेड़िए मिलजुल कर षड्यंत्र करें.जब नाम श्रवण कर दुष्टों में भय पलता है.बस यही अप्रतिम, अपराजेय सफलता है.

जानिए क्या है मामला

मामला करीब 23 साल पुराना 1997 का है. जब बिहार और झारखंड अलग नहीं थे. उस समय आईपीएस अरविंद पांडेय पलामू जिले के एसपी की भूमिका में थे. एक घटना में नक्सलियों ने मनातू के तत्कालिक बीडीओ भावनाथ झा की गोली मारकर हत्या कर दी थी. जिसमें कार्रवाई को लेकर अरविंद पांडेय के उपर लापरवाही बरतने का आरोप लगा था. उनके उपर इस मामले में लंबे समय से डिपार्टमेंटल जांच चल रही थी. जिसपर सरकार ने अब जाकर कार्रवाई की है.

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