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...तो BJP कैंडिडेट इस बार पार्टी नेतृत्व को भी ठग लिया? 'फ्रॉड' केस के खुलासे और नामांकन में जिक्र नहीं होने से नेतृत्व भी सकते में

...तो BJP कैंडिडेट इस बार पार्टी नेतृत्व को भी ठग लिया? 'फ्रॉड' केस के खुलासे और नामांकन में जिक्र नहीं होने से नेतृत्व भी सकते में

पटनाः  बिहार बीजेपी के लिए अरवल सीट गले की फांस बन गई। अब उसे न निगलते बन रहा न उगलते।ऐसे में बीजेपी नेतृत्व पूरे तौर पर बैकफुट पर आ गई है। बीजेपी ने एक केस वाले उम्मीदवार को टिकट काट कर जिस नेता को मैदान में उतारा है उस पर तो फ्रॉड के आधे दर्जन से अधिक केस हैं। हद तो तब हो गई जब अरवल के बीजेपी कैंडिडेट ने नामांकन के समय दिये हलफनामें में एक केस को छोड़ बाकि किसी केस का उल्लेख ही नहीं किया। इसके बाद बीजेपी कैंडिडेट के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत की गई है। अब तो चर्चा यह भी शुरू हो गई है कि बीजेपी ने जिसे अरवल से टिकट दिया है उसने इस बार नेताओं को भी ठग लिया। नामांकन पत्र में फ्रॉड केस छुपाने का आरोप

आरोप है कि अरवल के बीजेपी प्रत्याशी दीपक कुमार शर्मा ने अपने ऊपर दर्ज फ्रॉड केस को छुपाया है। नामांकन के समय दिये हलफनामें में बीजेपी प्रत्याशी दीपक कुमार शर्मा ने चार केसों का कोई उल्लेख नहीं किया है। बीजेपी उम्मीदवार ने अपने नामांकन पत्र में सिर्फ एक केस का उल्लेख किया है।इसके बाद बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के पास शिकायत दर्ज कराई गई है।शंभु कुमार की तरफ से चुनाव आयोग को भेजे शिकायती पत्र में कहा गया है कि अरवल से भाजपा प्रत्याशी दीपक कुमार शर्मा के ऊपर कई केस दर्ज हैं। बजाप्ता चार केसों का डिटेल दिया गया है जिसे बीजेपी प्रत्याशी ने उल्लेख नहीं किया है। चुनाव आयोग को भेजे गये शिकायती पत्र में प्रमाण दिया है कि चार केस पटना की अदालत में पेंडिंग है जिसका कोई जिक्र उन्होंने नहीं किया है।अब देखना होगा चुनाव आयोग इस शिकायत के बाद क्या कार्रवाई करता है।

बैकफुट पर बिहार बीजेपी

इस खुलासे के बाद बीजेपी कहीं न कहीं बैकफुट पर है। बीजेपी उम्मीदवार दीपक शर्मा की कलई खुलने के बाद पार्टी नेता भौचक्के हैं। पार्टी नेता भी नहीं जानते थे कि जिसे टिकट दिया जा रहा उस पर फ्रॉड के इतने केस हैं। आखिर अब कर भी क्या सकते हैं।ऐसे में बीजेपी ने बिना जांचे परखे टिकट देकर अपनी साख पर बड़े सवाल खड़े कर लिये हैं।

जानिए बीजेपी उम्मीदवार की कारस्तानी

बीजेपी ने इस बार अरवल से दीपक शर्मा को उम्मीदवार बनाया है। लेकिन पार्टी ने जिस पर विश्वास जताया है उस पर राजधानी के कई थानों में फ्रॉड के 5 मुकदमें दर्ज हैं। अपने आप को अलग बताने वाली पार्टी बीजेपी ने एक तरह से फ्रॉड को टिकट देकर सम्मानित कर दिया है। बीजेपी के उम्मीदवार दीपक शर्मा पर 2018 में फ्रॉड के तीन केस हुए वहीं 2019 में भी एक केस दर्ज किया गया। इसके अलावे 2013 में भी दीपक शर्मा पर कोतवाली थाने में बड़ा फ्रॉड का केस दर्ज है।ऐसे में सवाल उठ रहा है कि अब बीजेपी में टिकट लेने के लिए फ्रॉड का ठप्पा लगनाा जरूरी हो गया है।

बीजेपी नेतृत्व को दीपक शर्मा के फ्रॉड की जानकारी नहीं होगी लेकिन न्यूज4नेशन उस नेता के फ्रॉड की कारस्तानी बता रहा। दीपक शर्मा पर 2018 में बुद्धाकॉलनी थाने में धोखाधड़ी का केस संख्या 503-18 दर्ज है।इसके अलाेव 2018 में ही श्रीकृष्णापुरी थाने में केस संख्या-205-18 दर्ज है।फिर 2018 में एक और केस बुद्धा कॉलनी थाने में दर्ज हुआ।इसका केस संख्या-447-18 है। इसमें धारा 323,363,364,365,368,420 समेत कई अन्य धाराओं में फ्रॉड का केस दर्ज है।2019 में पटना के श्रीकृष्णापुरी थाने में केस सं.-11-19 दर्ज है।इसमें भी भाजपा नेता दीपक शर्मा पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज है।

इसके अलावे 2013 में पटना के कोतवाली थाने में केस संख्या-379-13 एसएफसी के भंडार निगम ने भाजपा नेता दीपक शर्मा के फ्रॉड की पोल खोली थी और जांच रिपोर्ट के आधार पर केसदर्ज हुआ था। इस पर एसएसपी के आदेश पर 27 लाख रू का जाली बैंक गारंटी देने के मामले में कोतवाली थाने में केस दर्ज हुआ था। इसके बाद कंकडबाग थाने में 293-11 नंबर का केस दर्ज है।साथ ही थाने में गलत केस करने के कारण कंकडबाग पुलिस ने इस पर केस दर्ज किया था.

जानकारी के अनुसार 2018-19 में धोखाधड़ी के जो 4 केस हुए हैं किसी में भी भाजपा नेता दीपक शर्मा को क्लीन चिट नहीं मिली है। वहीं कोतवाली थाने वाले मामले में भी भाजपा नेता को अब तक बरी नहीं किया गया है।ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बीजेपी अब इसी तरह के नेताओं को पसंद करती है।

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