PATNA : बिहार सरकार के तीन सिविल सर्जन सेवानिवृत्त हो गए हैं लेकिन अपने किए की सजा रिटायरमेंट के बाद भी भुगत रहे हैं ।
बता दें कि बिहार सरकार के तीन सिविल सर्जनों पर सरकार ने कार्रवाई की है। दो की पेंशन में कटौती और तीसरे अधिकारी की पूरी पेंशन जप्त कर दी गई है।
गौरतलब है के इन तीनों ने अपनी गतिविधियों से सरकार को चूना लगाया था।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार रोहतास जिले के दो सेवानिवृत्त सिविल सर्जनों ने अलग-अलग वर्ष में स्वास्थ्य विभाग को झटका दिया था। इनमें से एक डॉ अशोक कुमार हैं।
डॉ. अशोक कुमार ने सिविल सर्जन के पद पर रहते हुए बड़ी रिश्वत लेते हुए निगरानी के हाथों गिरफ्तार हो गए थे।
निगरानी ने जब इन्हें गिरफ्तार किया तो इन्होंने सफाई दी कि मुझे फंसाने की कोशिश की गई थी।परंतु जांच में रिश्वत लेने की बात प्रमाणित हो गई। अब उनका पूरा पेंशन और अर्न लिव राशि सरकार ने जब्त कर लिया है।
वहीं दूसरे सेवानिवृत्त सिविल सर्जन डॉ राम नगीना प्रसाद हैं। यह महोदय सीनियर अफसरों की बात को ही नहीं मानते थे। 5 वर्षों तक लगातार एक ही जगह सेवा देते रहे।
इतना ही नहीं अपने मातहत काम करने वाले डॉक्टरों पर कार्रवाई भी नहीं करते थे। अपने विभाग से निकलने वाली ठेकेदारी भी एक ही ठेकेदार को दे देते। इन पर भी सभी आरोप सही पाया गया है।
सेवानिवृत्त राम नगीना प्रसाद कि अगले 10 वर्ष के लिए पेंशन में 5 फ़ीसदी की कटौती कर दी गई है ।
वह तीसरे सिविल सर्जन डॉक्टर सोनेलाल अकेला हैं जिन पर स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई की है।