पटना. राजस्थान के उदयपुर में एक दर्जी कन्हैयालाल की नृशंस हत्या के बाद एक ओर देश में माहौल गमगीन है और लोग हत्यारों को सजा देने की मांग कर रही हैं. वहीं दूसरी ओर उदयपुर की घटना असर में ‘ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन’ (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के राजनीतिक विस्तार को प्रभावित कर रहा है. उदयपुर घटना के बाद मध्य प्रदेश प्रशासन ने बड़ा निर्णय लेते हुए इंदौर के एक संवेदनशील इलाके में ‘ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन’ (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की बृहस्पतिवार रात प्रस्तावित चुनावी सभा रद्द कर दी.
यह सभा नगर निगम चुनाव को लेकर होने वाली थी. ओवैसी की चुनावी सभा रद्द होने के बारे में पूछे जाने पर पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ इस सभा की अनुमति के लिए आवेदन करने वाले लोगों ने हमें बताया कि अब वे यह कार्यक्रम आयोजित नहीं कर रहे हैं.’’ माना जा रहा है कि इसका बड़ा कारण उदयपुर घटना के बाद बहुसंख्यक समुदाय के एक बड़े वर्ग में व्याप्त आक्रोश है. ऐसे में अपने विवादित बयानों के लिए मशहूर ओवैसी की चुनावी सभा से किसी प्रकार का तनाव न बढ़े इसे लेकर उनकी इंदौर की सभा रद्द कर दी गई है.
एआईएमआईएम की राज्य इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. नईम अंसारी ने पुष्टि की कि ओवैसी की इंदौर के बंबई बाजार क्षेत्र में बृहस्पतिवार रात प्रस्तावित सभा रद्द हो गई है. अंसारी ने हालांकि सभा रद्द किए जाने का कोई कारण नहीं बताया, लेकिन माना जा रहा है कि उदयपुर के हालिया घटनाक्रम के बाद इंदौर के संवेदनशील इलाके में ओवैसी की चुनावी सभा की प्रशासनिक मंजूरी हासिल करना एआईएमआईएम के स्थानीय पदाधिकारियों के लिए कतई आसान नहीं रह गया था.
वहीं बुधवार को ओवैसी की पार्टी को बिहार में भी बड़ा झटका लगा. उनकी पार्टी के पांच में से 4 विधायक अचानक से एआईएमआईएम छोड़कर राजद में चले गए. चारों विधायकों के पार्टी छोड़ने से ओवैसी के दल को बिहार में बड़ा झटका लगा. संयोग से जिस समय बिहार में यह राजनीतिक उलटफेर हो रहा था उस समय असदुद्दीन ओवैसी भोपाल में मौजूद थे.