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भारत पहुंचते ही गर्भवती हुई ‘आशा’, सात दशक बाद भारत की धरती पर जन्‍म लेंगे नन्‍हें चीते

भारत पहुंचते ही गर्भवती हुई ‘आशा’, सात दशक बाद भारत की धरती पर जन्‍म लेंगे नन्‍हें चीते

पटना. 70 साल बाद भारत की जमीन पर चीतों की रफ्तार फिर से दिखाई देने लगी। दो हफ्ते पहले नामीबिया से 8 चीतें मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क लाए गए। इन चीतों पर भारत में विलुप्त हो चुकी प्रजाति की संख्या को फिर से बढ़ाने की जिम्मेदारी भी है और इसमें कुछ हद तक सफलता भी मिलती दिखाई दे रही है। अफ्रीकी देश नामीबिया से मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में लाए गए चीतों में से एक चीता गर्भवती है। बताया जाता है कि 'आशा' नामक मादा चीता गर्भवती हैं। चीता को यह नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नामाबिया से भारत लाए गए चीतों को बाड़े में छोड़ेते वक्त दिया था। यह दशकों में भारत में पैदा होने वाला पहला चीता होगा।

चीतों की निगरानी करने वाली टीम के अधिकारियों के अनुसार आशा में एक गर्भवती मादा चीता वाले सभी लक्षण हैं। आशा की उम्र साढ़े तीन साल बताई जा रही है। कुनो में उन पर कड़ी नजर रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि इस चीते में गर्भावस्था के सभी लक्षण और हार्मोनल लक्षण दिखाई देते हैं। वहीं, अक्टूबर के अंत तक ही आशा के गर्भवती होने की पुष्टि हो सकेगी। चीता संरक्षण कोष (सीसीएफ) के कार्यकारी निदेशक मार्कर ने कहा कि यदि चीता के गर्भवती होने की पुष्टि होती है तो राष्ट्रीय उद्यान में चीता की विशेष देखभाल और सुरक्षा की व्यवस्था की जाएगी।

नामीबिया के साथ हुए समझौते के आधार पर पांच मादा चीता और तीन नर चीतों को 17 सितंबर को विशेष विमान से भारत लाया गया। 1952 से देश में चीता एक विलुप्त प्रजाति है। ऐसे में सात दशक बाद भारत की धरती पर चीते का जन्म होगा। नन्‍हें चीतों के आगमन के लिए कुनो नेशनल पार्क भी पूरी तरह से तैयार है।


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