ARARIA : कांग्रेस
के प्रदेश अध्यक्ष रहे अशोक चौधरी पिछले दिनों अपने पूरे गुट के साथ जदयू में
शामिल हुए थे। लंबे समय तक कांग्रेस में रहे अशोक चौधरी को जदयू में अपनी स्थिति
मजबूत करने के लिए कुछ ऐसा करना होगा, जिससे पार्टी में उनकी अहमियत बने। अररिया
के जोकीहाट में होने जा रहे उपचुनाव के रुप में उन्हें जल्द ही एक मौका मिल गया
है। अशोक चौधरी गुट इस उपचुनाव के जरिए पार्टी के अंदर अपनी स्थिति मजबूत करने को
लेकर कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती।

अपनें आप को साबित करनें के लिए चौधरी अपनें
सहयोगी विधानपार्षदों के साथ पिछले पांच दिनों से दलित-अल्पसंख्क बहुल गांवों में
डोर टू डोर कैंपेन में लगे है। अशोक चौधरी के साथ उनके गुट के तीनों विधानपार्षद
दिलीप चौधरी,तनवीर अख्तर और रामचंद्र भारती शामिल हैं। अशोक चौधरी अपनें साथी
विधानपार्षदों के साथ 20 मई से हीं जोकीहाट में
कैंप किए हैं। वे अबतक 50 से अधिक दलित-अल्पसंख्यक
गांवों का दौरा कर चुके हैं। वे घर-घर जाकर
जदयू उम्मीदवार के पक्ष में हवा बनानें की कोशिश कर रहेहैं। उनका यह अभियान
चुनाव प्रचार के अंतिम दिन यानी 26 तारीख तक जारी रहेगा।

अशोक
चौधरी गुट के साथ जनसंपर्क में शामिल विधान पार्षद दिलीप चौधरी मानते हैं की
जोकीहाट चुनाव जदयू के लिए प्रतिष्ठा का विषय़ है। वे लोग 20 मई से
हीं दलित-अल्पसंख्यक गांवों में जा रहे हैं। नीतिश कुमार नें दलित और अल्पसंख्यक समाज के लिए काफी काम किया
है।अल्पसंख्यक समाज नीतिश कुमार को अपना हितैशी मानता है ।पिछले चार-पांच दिनों
में अल्पसंख्यक समाज का रूझान बदला है और
इसका फायदा जदयू को मिलेगा।

गौरतलब है कि कांग्रेस
के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे व महागठबंधन सरकार में शिक्षा मंत्री रहे अशोक चौधरी की
बिहार में एक दलित नेता के रूप में भी पहचान है। दलित समाज से आनें वाले पूर्व
विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी का जदयू से अलग होने के बाद नीतीश कुमार को भी
एक दलित चेहरे की जरुरत थी। उन्होंने अशोक चौधरी पर यह दाव लगाया है।

ऐसा माना जा रहा
है कि जोकीहाट उपचुनाव में इन नेताओं पर दलित-अल्पसंख्यकों वोट के अलावे कांग्रेस
के परंपरागत वोटों को जदयू के पक्ष में गोलबंद करनें की जिम्मेदारी दी गई है। अब
देखने वाली बात यह होगी कि जदयू का यह दाव कितना सफल होता है। अशोक चौधरी गुट
जोकीहाट में जदयू को क्या फायदा पहुंचाती है।