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मांझी ने चिराग से पूछा-आप बिहार आते कब हैं जो आपको डर लगेगा? जनता सबसे अधिक तो आपसे और आप जिसे मदद कर रहे थे उससे डरती है

मांझी ने चिराग से पूछा-आप बिहार आते कब हैं जो आपको डर लगेगा? जनता सबसे अधिक तो आपसे और आप जिसे मदद कर रहे थे उससे डरती है

PATNA: बिहार के वोटरों ने चिराग पासवान के पैर के नीचे से जमीन खींच ली तो वे बिहार को ही भूल गए। बिहार में मिली करारी हार के बाद चिराग पासवान बिहार से पूरी तरह से गायब हो गए थे। पूरे बिहार की बात छोड़िए अपने संसदीय क्षेत्र के सरकारी कार्यक्रम में भी नहीं पहुंच रहे थे। बिहार और बिहारी को फर्स्ट बनाने का सपना दिखाने वाले चिराग पासवान जब अपने संसदीय क्षेत्र को भूले और सरकारी कार्यक्रम में नहीं पहुंचे तो न्यूज4नेशन ने आईना दिखाया। इसके बाद आनन-फानन में डेढ़ महीने बाद चिराग बिहार पहुंचे हैं. वे अब अपने संसदीय क्षेत्र जमुई भी जायेंगे। इस तरह से जमुई की जनता आज अपने सांसद का दीदार करेगी।चिराग ने जब बिहार में लॉ एंड ऑर्डर पर सवाल खड़े किये तो पूर्व सीएम मांझी ने धो दिया।

मांझी का चिराग पर बड़ा अटैक

पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने चिराग पासवान पर बड़ा हमला बोला है। मांझी ने कहा कि चिराग पासवान आप बिहार आतें कब है कि आपको डर लगेगा? वैसे 2020 के चुनाव में बिहार की जनता मालिक ने स्पष्ट तरीक़े से बता दिया है कि सूबे की आवाम को सबसे ज़्यादा डर आपसे और आप जिसकी मदद कर रहें थे उनसे लगता है,तब ही तो आपको और आपके उ छोटे भाई को सत्ता से दूर रखा है। 

करारी हार के बाद गायब थे चिराग

चिराग पासवान 2 दिसंबर से ही बिहार से गायब थे। चले से बिहार को फर्स्ट बनाने लेकिन वे अपने संसदीय क्षेत्र जमुई को भी भूल गए थे। जमुई में 16 जनवरी को बिहार का प्रथम पक्षी महोत्सव का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम का उद्घाटन सीएम नीतीश ने किया था। कार्यक्रम में बिहार सरकार की तरफ से स्थानीय सांसद चिराग पासवान को भी आमंत्रित किया गया था। वन एवं पर्यावरण विभाग ने बजाप्ता अखबारों में विज्ञापन देकर बताया था कि स्थानीय सांसद की भी गरिमामय उपस्थिति रहेगी। लेकिन चिराग पासवान का दर्शन नहीं हो सका। आखिर अब उन्हें क्षेत्र से मतलब ही क्या है...अभी नजदीक में चुनाव भी है लिहाजा क्षेत्र के लोगों ने भी कहा कि चिराग को क्षेत्र के लोगों से क्या वास्ता?


2 दिसंबर से बिहार से बाहर थे चिराग

लोजपा का बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट का मिशन फेल कर गया। चिराग पासवान को लग रहा था कि वे बिहार के नौजवानों-गरीबों को बिहारी को फर्स्ट बनाने का वायदा कर वोट ले लेंगे,लेकिन कामयाब नहीं पाये। जब बिहार की जनता ने चिराग को कहीं का नहीं छोड़ा इसके बाद वे बिहार से मुंह मोड़ लिया. चुनाव में करारी हार के बाद चिराग पासवान दिल्ली का रूख कर चुके हैं. वे 2 दिसंबर के बाद डेढ़ महीने तक बिहार की धरती पर कदम नहीं रखे. 2 दिसंबर के बाद अगले साल यानी 18 जनवरी को ही बिहार की धरती पर कदम रखे। जानकार बताते हैं कि अब वे बिहार में कभी-कभार हीं दिखेंगे क्यों कि हाल-फिलहाल यहां कोई चुनाव नहीं है। 

बीजेपी-जेडीयू से पंगा लेकर अकेले मैदान में उतरे थे चिराग

चिराग पासवान न घर के रहे न घाट के यानी पूरी तरह से पैदल हो गए. भाजपा-जेडीयू से पंगा लेकर चिराग पासवान अकेले चुनावी मैदान में उतरे थे। लोजपा सुप्रीमो ने 135 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे . लेकिन बिहार के वोटरों ने चिराग पासवान की पार्टी लोजपा की हवा निकाल दी। चिराग बिहार और बिहारी को फर्स्ट बनाने का लॉली पॉप दिखाकर वोटरों से वोट लेना चाहते थे। लेकिन वोटर उनसे अधिक चालाक निकले और झांसे में नहीं आये. एक सीट छोड़कर सभी जगहों पर लोजपा कैंडिडेट की करारी हार हुई।चुनाव के बाद पार्टी के भीतर भी भारी असंतोष है। कई नेताओं ने तो सीधे तौर पर नेतृत्व पर पैसे लेकर टिकट बेचने का आरोप लगाया है। वहीं पार्टी के कई समर्पित कार्यकर्ताओं ने लोजपा को बाय-बाय कर दिया है।

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