बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

ASSAM NEWS : जब असम के होनेवाले सीएम ने की थी राहुल गांधी से मुलाकात, मीटिंग छोड़ कुत्ते को बिस्किट खिलाने चले गए थे पार्टी के युवराज

ASSAM NEWS : जब असम के होनेवाले सीएम ने की थी राहुल गांधी से मुलाकात, मीटिंग छोड़ कुत्ते को बिस्किट खिलाने चले गए थे पार्टी के युवराज

GUWAHATI : असम को आज नया सीएम मिल जाएगा। सालों तक असम की अस्मिता की लड़ाई लड़नेवाले हिमंत बिस्व सरमा पहली बार प्रदेश की बागडोर संभालेंगे। इसके साथ ही हिमंत बिस्व सरमा से जुड़े कुछ पुरानी यादें भी तेजी से वायरल हो रही हैं। जो कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी से उनकी मुलाकात से जुड़ी है। 

वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई की किताब 2019 How Modi Won India’ में राहुल गांधी और हिमंत बिस्व सरमा की बीच 2011 में हुई आखिरी मीटिंग का जिक्र किया गया है। इस किताब में लिखा गया है कि असम में कांग्रेस गठबंधन को बहुमत मिलता है और उक्त चुनाव में जीत की भूमिका तय करने में हेमंत बिस्व की बड़ी भूमिका थी। मगर उनकी महत्वकांक्षा के अनुरूप तरुण गगोई की सरकार में उन्हें सम्मान नहीं मिलता। इसके बाद वो कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व राहुल गांधी से मिलने की कोशिश में जुट जाते हैं। काफी कोशिशों के बाद तत्कालीन कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी से मिलने का समय मिला। 

बिस्व की जगह कुत्ते को दी अहमियत

किताब में बिस्व और राहुल की मुलाकात का जिक्र करते हुए लिखा गया है कि हिमंत ने असम के सीएम पद पर अपनी दावेदारी पेश की. विधायक उनके साथ थे. मगर मीटिंग में राहुल गांधी हिमंत की महत्वकांक्षाओं और उनकी बातों पर कुछ खास ध्यान नहीं देते हैं और कहते हैं “डू व्हॉट एवर यू वांट टू डू,आई एम नॉट कनर्सन” (आपको जो करना है करिए मुझे कोई लेना देना नहीं). इसके बाद राहुल सामने मेज पर पड़ी प्लेट में रखी बिस्किट अपने कुत्ते को खिलाने लगते हैं।


असम और पूर्वोत्तर में यहीं से शुरू हुआ पतन

माना जाता है कि यही वह मीटिंग थी, जिसके बाद असम और पूर्वोत्तर के राज्यों में कांग्रेस ने अपनी पकड़ खोनी शुरू कर दी। असम सहित सभी राज्यों में कांग्रेस अपनी पहचान खोने की स्थिति में पहुंच गई। मीटिंग से निकलने के बाद हिमंत ने कभी कांग्रेस की ओर रूख नहीं किया और वह   बीजेपी के साथ चले गए। आज इस साथ का उन्हें इनाम भी मिल गया है और पूर्वात्तर के सबसे बड़े राज्य की कमान संभालने जा रहे हैं।

कांग्रेस से की थी राजनीति की शुरुआत

हिमंत बिस्वा सरमा असम की संस्कृति के नेता हैं. मंचों पर वो लोगों के साथ पारंपरिक डांस करते हैं. उनके जमीनी मुद्दों पर काम करते हैं. उन्होंने साल 2001 में अपने राजनीतिक करियर आगाज कांग्रेस से ही किया था और जालुकबरी विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे. गगोई सरकार में उन्होंने वित्त, कृषि, प्लानिंग एव डेवलपमेंट, हेल्थ व परिवार कल्याण मंत्रालय का पद संभाल चुके हैं. सर्बानंद सोनोवाल की सरकार में उनके पास वित्त और हेल्थ मंत्रालय का प्रभार था. माना जाता है कि पूर्वोत्तर राज्यों में हिमंत बिस्व की बड़ी पकड़ है और उनके सहयोग के बिना किसी पार्टी की जीत संभव नहीं है।

बहरहाल, किताब में जिस तरह की बातें राहुल गांधी के लिए लिखी गई है, वह एक बार फिर साबित करती है कि राजनीतिक दूरदर्शिता को लेकर उनमें कितनी कमी है।



Suggested News