N4N desk: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी एक महान नेता, कवि और एक वरिष्ठ पत्रकार के साथ एक नेक विचारधारा है. अटल जी एक बारे में कुछ ऐसे किस्से है जो लोग नहीं जानते है. अटल जी एक वरिष्ठ वक्ता भी थे लेकिन ये बात बहुत कम लोग जानते हैं कि जब अटल पहली बार स्कूल में एक डिबेट में क्लास के सामने भाषण देने खड़े हुए तो उनके मुंह से एक शब्द भी नहीं निकला था.
1934 में उज्जैन जिले में बड़नगर के एक स्कूल में हुआ था. अटल बिहारी वाजपेयी ने इसका जिक्र 1996 में लोकसभा चुनाव की एक रैली के दौरान किया था.
उन्होंने कहा था कि, "मैं एंग्लो वर्नाकुलर स्कूल में अपने जीवन का पहला भाषण पूरा नहीं कर सका था. लेकिन इस घटना से मैंने एक सीख यह ली थी कि मैं कभी भी भाषण को रट कर नहीं बोलूंगा."
अटल जी ने बताया था कि वह वाकया उनसे भूला नहीं जाता है. उन्हें डिबेट में 'ब्रिटिश द्वारा बिछाई गई रेलवे लाइन के विकास' पर बोलने कहा गया था. अटल जी कहते है "मैं डिबेट में बोलने के लिए तैयार नहीं था. मुझे मास्टर जी ने खड़ा करवाया और बोलने कहा. मैं हकलाने लगा और भाषण पूरा नहीं कर सका. मेरा दोस्तों ने मजाक बनाया और कहा कि रट कर भाषण देने पर ऐसे ही होता है."
अटल के साथ पढ़े लोग बताते हैं कि वह आखिरी दिन था जब अटल किसी भाषण में अटके हों. इसके बाद उन्होंने भाषण शैली को इतना मजूबत बनाया कि वो प्रखर वक्ता बने.
हालांकि, बड़नगर के स्कूल में अटल ने केवल एक साल ही गुजारा. इसके बाद वो वापस ग्वालियर चले गए थे.