बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

हाईजैक से 48 लोगों को बचाने के लिए स्वयं प्लेन में घुसे थे वाजपेयी

हाईजैक से 48 लोगों को बचाने के लिए स्वयं प्लेन में घुसे थे वाजपेयी

N4N desk: एक नेक विचारधारा अटल बिहारी वाजपेयी 16 अगस्त 2018 शाम 5:05 बजे हमे छोड़कर चले गए. लेकिन उनकी यादें और किस्से आज भी हमारे ज़हन में जीवित है और हमेशा जीवित रहेगी। ऐसी ही एक किस्से के बारे में हम आपको बताने वाले है.

कंधार कांड से तो सभी कोई अवगत है, लेकिन एक दशक पहले वाजपेयी जी ने हाईजैक प्लेन में अंदर जा कर 48 लोगों की जान बचाए थे. बात 22 जनवरी 1992 की है, जब एक शख्स ने लखनऊ से दिल्ली की उड़ान भर रही इंडियन एयरलाइन्स की विमान को हाईजैक कर लिया. लखनऊ से करीब 15 मिनट की उड़ान के बाद विमान के भीतर एक युवक ने कपड़े से लिपटे अपने हाथ में केमिकल बम होने का दावा किया और विमान को वापस लखनऊ ले चलने को कहा. पायलट कुछ देर तक प्लेन को हवा में रखने के बाद इस हाईजैकर की बात को मानते हुए अगले 45 मिनटों में 48 यात्रियों से भरे इस विमान को वापस लखनऊ एयरपोर्ट उतार दिया गया.

प्लेन को लखनऊ एयरपोर्ट के एक कोने में पार्क किया गया जहां से इस हाईजैकर से संपर्क साधा गया. उस वक्त उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन था और विपक्ष के सबसे कद्दावर नेता अटल बिहारी वाजपेयी इस दिन लखनऊ में मौजूद थे. वाजपेयी कार्यकर्ताओं के हाउस में खाना शुरू ही किया था कि तभी लखनऊ के तत्कालीन ड़ीएम अशोक प्रियदर्शी ने अटल जी को बताया कि एक प्लेन हाईजैक हुआ है.

डीएम ने बताया कि एक शख्स लखनऊ-दिल्ली प्लेन को हाइजैक कर चुका है, वो अपने हाथ मे कैमिकल बम होने की बात कर रहा है और लगातार वो अटल बिहारी वाजपेयी को बुलाने की बात कर रहा है, उसने धमकी दी है कि अगर अटल बिहारी वाजपेयी नहीं आते तो वो इस हवाईजहाज को बम से उड़ा देगा.

बिना वक्त गंवाऐ एक ही गाड़ी में अटल जी साथ में लालजी टंडन और अगली सीट पर बैठे लखनऊ के डीएम सीधे लखनऊ एयरपोर्ट जा पहुंचे. लखनऊ एयरपोर्ट पर पहले अटल जी को उस एयर ट्रैफिक कंटोलर के टावर पर ले जाया गया जहां से विमान का अपहरणकर्ता संपर्क में था, अटलजी एटीसी से उस अपहर्ता के साथ संपर्क में आए, जहां उन्होंने अपहर्ता से बात की और लोगों को छोड़ने की अपील की.

जब एटीसी से बात करने पर भी बात नहीं बनी तो कार्रवाई पर विचार होने लगा लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी खुद विमान में जाने को तैयार थे ताकि वो उससे मिल सकें. प्रशासन ने तब वाजपेयी को जाने से मना किया और एयरक्राफ्ट में जाने के बजाए सीधी कार्यवाई लगभग तय हो गई, लेकिन ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा का सवाल सामने खड़ा था, तब अटल जी ने खुद ही विमान के पास जाने का फैसला लिया।

अटल जी के घुसते ही प्लेन के भीतर बैठे लोगों में भी जोश आ गया. अब सामने वो अपहरणकर्ता था उसके ठीक सामने अटल बिहारी बाजपेयी खड़े थे. इस वक्त तक अटल बिहारी के साथ उसके सुरक्षाकर्मी भी घुस चुके थे. अब लालजी टंडन ने उस अपहरणकर्ता से कहा जिससे तुम मिलना चाहते थे वो वाजपेयी तुम्हारे सामने खड़ा है. अब लालजी टंडन ने उस अपहरणकर्ता से कहा जिससे तुम मिलना चाहते थे वो वाजपेयी तुम्हारे सामने खड़ा है जो तुम्हारे लिए चलकर एयरक्राफ्ट में आए हैं तुम अपनी मांग रखने के पहले उनका पैर छू लो, ये अपहरणकर्ता जैसे ही वाजपेयी के पांव छूने झुका सुरक्षाकर्मियों नें चारों ओर से उसे जकड़ लिया.

अपहरणकर्ता के हाथ में केमिकल बम की बात गलत निकली उसने एक गोलनुमा सामान को बम में तब्दील कर प्लेन हाईजैकिंग कर ली थी और अटल बिहारी वाजपेयी को विमान तक लाने में सफल रहा था. तमाम यात्री जो इस पूरे घटनाक्रम से डरे थे उन्हें उतारा गया उस रात सभी यात्री लखनऊ में ठहराए गए और अगले दिन उसी फ्लाइट से खुद अटल बिहारी वाजपेयी और लालजी टंडन उसी फ्लाइट से उन्हीं यात्रियों के साथ दिल्ली भी आए.

Suggested News